Tuesday, October 21, 2025

असदपुर जिडाना में मजदूर बेरोजगार एकता मंच का बढ़ता जनसमर्थन, सैकड़ों की भीड़ रही मौजूद

कांधला। क्षेत्र में मजदूर बेरोजगार एकता मंच का कुनबा लगातार बढ़ता जा रहा है। मंगलवार को गांव असदपुर जिडाना में संगठन की एक विशेष बैठक आयोजित की गई, जिसमें सैकड़ों की संख्या में ग्रामीणों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। मीटिंग में मौजूद लोगों ने संगठन को मजबूत करने और गांव-गांव तक इसकी पहुंच बढ़ाने का संकल्प लिया।

कार्यक्रम के दौरान मो. तौफीक को ग्राम पंचायत अध्यक्ष, मो. निजामुद्दीन को ग्राम पंचायत उपाध्यक्ष और नसीम अंसारी को ग्राम पंचायत सचिव का नियुक्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। राष्ट्रीय अध्यक्ष सैय्यद मोहम्मद असलम ने कहा कि सभी राजनीतिक दलों ने मुस्लिम, पिछड़े और दलित समाज का इस्तेमाल किया, लेकिन सत्ता में आने के बाद उन्हें उनके हक से वंचित रखा गया।

कारी गुलफाम सिद्दिकी ने कहा कि नवनियुक्त पदाधिकारी संगठन को घर-घर तक पहुंचाने का कार्य करें और गरीबों व बेरोजगारों की आवाज बनें। जिला अध्यक्ष अब्दुल वाजिद सिद्दीकी ने कहा कि संगठन तभी मजबूत होगा जब जनता इसके साथ खड़ी होगी। उन्होंने अपील की कि लोग अपने बच्चों को शिक्षित बनाएं ताकि वे अपने अधिकारों के लिए स्वयं आवाज उठा सकें।

मीटिंग में प्रमुख रूप से साजिद अंसारी, कारी गुलफाम सिद्दिकी, नौशाद सैफी, अंसार अंसारी, सैय्यद महबूब हसन, हकीम मुस्तकीम, जमील अब्बासी, आसिफ खान, साहिब राई, शहजाद खान, शमशाद सिद्दिकी, सद्दाम अल्वी, मोमीन अली, शुएब सिद्दिकी, महताब अब्बासी, फिरोज रंगरेज व खालिद सैफी सहित अनेक लोग उपस्थित रहे। समस्त सामाजिक संस्थाओं को समर्पित देश की एकमात्र राष्ट्रीय समाचार पत्रिका एनजीओ दर्पण के लिए पत्रकार गुलवेज़ आलम की खास रिपोर्ट 
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मोहम्मद अली फाउंडेशन द्वारा अलीगढ़ में भव्य आयोजन

अलीगढ़। मोहम्मद अली फाउंडेशन द्वारा सर सैयद डे 2025 का आयोजन ऐतिहासिक जमांका पैलेस, अलीगढ़ में बड़े उत्साह और श्रद्धा के साथ किया गया। यह कार्यक्रम अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के संस्थापक और महान शिक्षाविद सर सैयद अहमद खाँ की विरासत को सम्मानित करने और शिक्षा व सामाजिक सुधार में उनके योगदान को याद करने के उद्देश्य से आयोजित किया गया।

कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ. मुराद अहमद ख़ाँ, असिस्टेंट प्रोफेसर, डिपार्टमेंट ऑफ फॉरेन लैंग्वेजेज़, एएमयू ने की। उन्होंने वर्तमान सामाजिक-राजनीतिक और शैक्षणिक परिदृश्य में सर सैयद की शैक्षणिक विचारधारा पर प्रकाश डाला।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रो. सैयद ज़िया-उर-रहमान, विभागाध्यक्ष (फार्माकोलॉजी), एएमयू रहे। अपने संबोधन में उन्होंने सर सैयद अहमद खाँ की दूरदर्शी सोच को याद करते हुए युवाओं से उनके बताए रास्ते — तर्क, शिक्षा और कौमी एकता — पर चलने का आह्वान किया।

विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित डॉ. अज़हर जमी़ल, पूर्व प्राचार्य, यूनिवर्सिटी पॉलिटेक्निक बॉयज़, एएमयू ने तकनीकी शिक्षा के महत्व पर चर्चा की और बताया कि किस प्रकार सर सैयद की विचारधारा ने आधुनिक भारत के निर्माण में भूमिका निभाई।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और समाजसेवी मोहम्मद ज़ियाउद्दीन ने एकता, धर्मनिरपेक्ष मूल्यों और सामाजिक सुधार की आवश्यकता पर बल दिया तथा सर सैयद के मिशन से प्रेरणा लेने की बात कही।

प्रो. सुहैल सबी़र, डिपार्टमेंट ऑफ केमिस्ट्री, एएमयू, ने अलीगढ़ मूवमेंट की ऐतिहासिक और दार्शनिक पृष्ठभूमि पर प्रकाश डालते हुए बताया कि सर सैयद के प्रयासों ने भारतीय मुसलमानों में आधुनिक शिक्षा और सुधार की अलख जगाई।

एआईएमआईएम अलीगढ़ के ज़िला अध्यक्ष ने अपने भाषण में भारत में मुसलमानों की मौजूदा स्थिति और चुनौतियों पर चर्चा की। उन्होंने राजनीतिक जागरूकता, सामाजिक एकता और शिक्षा को सशक्तिकरण के प्रमुख साधन बताया।

कार्यक्रम के संयोजक एवं मोहम्मद अली फाउंडेशन के संस्थापक मोहम्मद अली ने अपने मुख्य भाषण में सर सैयद अहमद खाँ को भावभीनी श्रद्धांजलि दी। उन्होंने एएमयू के 105 वर्षों की गौरवशाली यात्रा को रेखांकित करते हुए कहा कि सर सैयद का दृष्टिकोण अपने समय से कहीं आगे था — विवेक, समावेश और प्रगति पर आधारित।

उन्होंने बताया कि एएमयू ने न केवल भारतीय मुसलमानों के शैक्षणिक, सामाजिक और राजनीतिक उत्थान में योगदान दिया, बल्कि इसके छात्र आज विश्व के अनेक देशों — पाकिस्तान, बांग्लादेश, सऊदी अरब, ब्रिटेन और मध्य पूर्व — में सर सैयद की शिक्षाओं का परचम लहरा रहे हैं।
उन्होंने सर सैयद के प्रसिद्ध कथन का उल्लेख करते हुए कहा — “कौमें शिक्षा से बनती हैं” — और कहा कि सर सैयद को सच्ची श्रद्धांजलि तभी दी जा सकती है जब हम शिक्षा को मज़बूत करें, एकता को बढ़ाएं और भावी नेतृत्व तैयार करें।

कार्यक्रम का संचालन डॉ. वसी बेग (डायरेक्टर, एसीएन कॉलेज, अलीगढ़) और निज़ाम मलिक, संयुक्त संयोजक, ने किया। उन्होंने सभी अतिथियों, शिक्षाविदों, राजनीतिक नेताओं और छात्रों का हार्दिक स्वागत किया।

विशेष धन्यवाद एडीएच ग्रुप के सदस्यों — सैयद असद (संयुक्त संयोजक), चौधरी आसिफ अली, ज़हीर ख़ान, कुनवर हारून, आसिफ ख़ान और अयूब ख़ान — को दिया गया, जिनके सहयोग और अनुशासन ने आयोजन को सफल बनाया।

कार्यक्रम में शिक्षाविदों और सामाजिक क्षेत्रों की अनेक हस्तियाँ उपस्थित रहीं, जिनमें प्रमुख थे — डॉक्टर शाजिया नाज एडवोकेट जिला उपाध्यक्ष कांग्रेस पार्टी सहारनपुर, डॉ. मोहसिन ख़ान, असिस्टेंट प्रोफेसर, यूनिवर्सिटी पॉलिटेक्निक बॉयज़, एएमयू;
डॉ. मोहम्मद ख़ालिद, असिस्टेंट प्रोफेसर, डिपार्टमेंट ऑफ स्टैटिस्टिक्स, एएमयू;
डॉ. ज़फ़र, डॉ. अनस, कुनवर नसीम, फरहत अली (भारत एजुकेशन, नेशनल प्रेसिडेंट), हाजी अब्दुल समद, रिज़वान (पूर्व सभासद), सद्दाम हुसैन, सैयद असलम, डॉ. जुनैद, ज़फ़रुद्दीन, एडवोकेट साजिया, निखत ख़ान, मेह़नाज़, निलोफर लियाकती, सिम्मी, युसरा, महक बी, हारून हफ़ीज़, एडवोकेट तनवीर, गुलफाम आदि।

यह आयोजन सर सैयद अहमद खाँ के आदर्शों को जीवंत करने और नई पीढ़ी को उनके मिशन से जोड़ने की दिशा में एक प्रेरणादायक पहल साबित हुआ। एनजीओ दर्पण राष्ट्रीय समाचार पत्रिका के लिए पत्रकार गुलवेज़ आलम की खास रिपोर्ट 
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Monday, October 13, 2025

💧 बेटियां फाउंडेशन की अनोखी पहल — “घर-घर में जल बचाने की मुहिम, हर बूंद की है कीमत” 💧

लखनऊ।

त्योहारों की रौनक के बीच बेटियां फाउंडेशन ने एक अनूठी पहल शुरू की है — “हर बूंद की है कीमत”। संस्था द्वारा चलाया जा रहा यह जल संरक्षण अभियान जनभागीदारी के बल पर घर-घर तक पहुंच रहा है। फाउंडेशन की टीम ने “जल ही जीवन है” का संदेश लेकर मेले, चौपाल, स्कूल, पार्क और मोहल्लों में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए, जिसने जनमानस का ध्यान जल संकट की ओर खींचा।

संस्था की अध्यक्ष अंजु पांडेय ने बताया कि शहर और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में जल संरक्षण को लेकर जागरूकता की नई लहर दौड़ रही है। बच्चों और युवाओं ने पोस्टर प्रतियोगिता और रैली के माध्यम से लोगों को यह संदेश दिया कि “हर बूंद की कीमत समझो और पानी की बर्बादी रोकें।”

स्कूलों में विद्यार्थियों को वर्षा जल संचयन, नल की मरम्मत और पेड़ लगाने जैसे व्यावहारिक उपाय भी सिखाए गए। वहीं पार्कों और सामुदायिक स्थलों पर लगाए गए जल संरक्षण संदेश बैनर लोगों का आकर्षण का केंद्र बने।

गांवों की चौपालों पर बुजुर्गों ने पुराने समय की जल परंपराओं को याद किया और युवाओं से कहा — “जल बचाना केवल जिम्मेदारी नहीं, जीवन की आवश्यकता है।”

संस्था की जल सखी कमला और सुनीता ने बताया कि इस अभियान का उद्देश्य प्रत्येक नागरिक को “जल ही जीवन है” के संदेश से जोड़ना है ताकि आने वाली पीढ़ियों के लिए जल संसाधन सुरक्षित रह सकें।

यह मुहिम समाज को न केवल जागरूक कर रही है, बल्कि एक नई सोच भी जगा रही है — “त्योहारों की खुशियों के साथ प्रकृति की सुरक्षा भी उतनी ही जरूरी है।”

📸 रिपोर्टर: ज़मीर आलम
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Saturday, October 11, 2025

🩷 मेरा जन्म कोई बोझ नहीं — बेटियाँ फाउंडेशन का प्रेरणादायक कार्यक्रम 🩷

अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस पर मिशन शक्ति के तहत विशेष आयोजन
✍️ ज़मीर आलम, मुज़फ्फरनगर (उत्तर प्रदेश)
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अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर “बेटियाँ फाउंडेशन” द्वारा आयोजित “मेरा जन्म कोई बोझ नहीं” कार्यक्रम ने समाज को नई दिशा और सोच देने का संदेश दिया। यह आयोजन मिशन शक्ति 5.0 के अंतर्गत किया गया, जिसमें बालिकाओं के अधिकार, सुरक्षा और आत्मनिर्भरता पर विशेष फोकस रहा।

कार्यक्रम का संचालन कॉलेज कोऑर्डिनेटर श्रीमती रीना सिंह ने किया। मंच पर उपस्थित बालिकाओं को सुरक्षा से संबंधित महत्वपूर्ण हेल्पलाइन नंबर – 181, 112, 102, 1098, 1090, 1930 — की जानकारी दी गई। बाल विवाह रोकने हेतु अंजलि यादव को और नशा मुक्त समाज के लिए लवी को “मुक्ति मिशन गुरु” बनाया गया।


🌸 बालिका अधिकार और लैंगिक समानता का संदेश

फाउंडेशन की अध्यक्ष अंजु पांडेय ने कहा —

“आज का दिन दुनिया भर की लड़कियों की आवाज़ को बुलंद करने और उन्हें समाज में नेतृत्व की भूमिका के लिए प्रोत्साहित करने का है।”

उन्होंने बताया कि वर्ष 2025 की थीम

“मैं जो लड़की हूं, मैं जो बदलाव लाती हूं”
लड़कियों की उस क्षमता को रेखांकित करती है जिससे वे कठिन परिस्थितियों में भी आगे बढ़कर समाज में सकारात्मक बदलाव लाती हैं।

मानसी, शोभा, काजल, स्वाति, अंजलि, उमा और रिया जैसी छात्राओं ने इस विषय पर अपने विचार रखे और अपनी सोच से सभी को प्रेरित किया।


🎭 संस्कार, संस्कृति और संवेदना से सजा सांस्कृतिक कार्यक्रम

कुसुम शर्मा जी के नेतृत्व में हुआ सांस्कृतिक आयोजन दर्शकों के मन को छू गया।
चार ग्रुप बनाए गए —
1️⃣ बंगाली ग्रुप – प्रथम स्थान
2️⃣ नाटिका ग्रुप – द्वितीय
3️⃣ राजस्थान ग्रुप – तृतीय
4️⃣ सोलो प्रस्तुति – चतुर्थ

उमा ने अजन्मी बेटियों पर हो रहे अत्याचार को एक दर्द भरे गीत के माध्यम से व्यक्त किया, वहीं नाटिका “मुझे पढ़ने का हक दो तो दो परिवारों की ज़िंदगी बदल दूंगी” और “मैं कमजोर नहीं” ने शिक्षा और आत्मनिर्भरता का सशक्त संदेश दिया।


🕊️ रैली और जागरूकता का संकल्प

कार्यक्रम के अंत में हस्ताक्षर अभियान और लैंगिक समानता रैली आयोजित की गई। छात्राओं ने पोस्टर और नारों के माध्यम से समाज को जागरूक करने का आह्वान किया।

कार्यक्रम को सफल बनाने में कॉलेज स्टाफ व संस्था टीम — नीरा गुप्ता, संतोष भारद्वाज, काउंसलर मीनू बाना, डॉ. क्षमा चौहान, सचिव शिवकुमारी गुप्ता, शशि बाला, बबीता कटारिया आदि का विशेष योगदान रहा।


🌷 निष्कर्ष

“बेटियाँ फाउंडेशन” का यह कार्यक्रम सिर्फ एक आयोजन नहीं बल्कि समाज में बालिका सम्मान और समानता की नई शुरुआत साबित हुआ। “मेरा जन्म कोई बोझ नहीं” का यह संदेश हर उस घर तक पहुँचना चाहिए जहाँ आज भी बेटी को बोझ समझा जाता है।


📸 “समझो भारत” राष्ट्रीय समाचार पत्रिका के लिए मुज़फ्फरनगर, उत्तर प्रदेश से पत्रकार ज़मीर आलम की खास रिपोर्ट
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Saturday, October 4, 2025

साक्षी वेलफेयर ट्रस्ट की पहल: महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए निशुल्क सिलाई और ब्यूटी पार्लर सेंटर का शुभारंभ

मुजफ्फरनगर: समाज में महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए साक्षी वेलफेयर ट्रस्ट महिलाओं के लिए निशुल्क सिलाई और ब्यूटी पार्लर सेंटर की शुरुआत करने जा रही है। इस पहल का उद्देश्य महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना और उन्हें स्वरोजगार के अवसर प्रदान करना है।

कार्यक्रम का विवरण:

  • तारीख: 5 अक्टूबर 2025
  • समय: सुबह 11 बजे
  • दिन: रविवार
  • स्थान: प्राथमिक विद्यालय शास्त्री, काशीराम आवास विकास, शाकुन्तलम कालोनी, सरकुला रोड, मुजफ्फरनगर

इस अवसर पर समाज के सभी लोग और स्थानीय महिलाएं सादर आमंत्रित हैं, ताकि इस नेक पहल का समर्थन किया जा सके और महिलाओं को सशक्त बनाने के प्रयास में भाग लिया जा सके।

साक्षी वेलफेयर ट्रस्ट अध्यक्ष क्रांतिकारी शालू सैनी ने कहा कि यह पहल खासतौर पर उन महिलाओं के लिए है, जिन्हें स्वरोजगार और आत्मनिर्भर बनने के लिए मार्गदर्शन की आवश्यकता है। उन्होंने यह भी बताया कि यह केंद्र निशुल्क प्रशिक्षण प्रदान करेगा, ताकि महिलाएं अपने हुनर से जीवनयापन कर सकें।

इस सामाजिक कार्यक्रम की ख़ास रिपोर्ट तैयार की है पत्रकार ज़मीर आलम ने, जो सामाजिक संस्थाओं और उनके योगदान को उजागर करने के लिए लगातार काम कर रहे हैं।

📞 संपर्क: 8273189764
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साक्षी वेलफेयर ट्रस्ट की यह पहल न केवल महिलाओं के लिए नई राह खोलती है, बल्कि समाज में समान अवसर और महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक मिसाल भी कायम करती है।



Thursday, October 2, 2025

उटंगन नदी पर जल संरक्षण सम्मेलन : बटेश्वर मेले से जुड़ेगा नया आयाम

बटेश्वर का प्रसिद्ध मेला न केवल आध्यात्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह क्षेत्रीय विकास और पर्यावरण संरक्षण को भी नई दिशा देने का अवसर प्रदान कर सकता है। इसी सोच को आगे बढ़ाते हुए सिविल सोसायटी ऑफ आगरा ने जिला पंचायत अध्यक्ष से अनुरोध किया है कि बटेश्वर मेले के अवसर पर उटंगन नदी पर केंद्रित "नदी सम्मेलन" आयोजित किया जाए।

सोसायटी के सचिव अनिल शर्मा का कहना है कि उटंगन नदी इस क्षेत्र के भूजल स्तर को स्थिर करने में बेहद अहम भूमिका निभा सकती है। नदी में बरसात के पानी को रोककर न केवल करोड़ों घन मीटर जल को संरक्षित किया जा सकता है, बल्कि इसका उपयोग बटेश्वर मंदिर के घाटों पर शुद्ध और ताजे जल की उपलब्धता सुनिश्चित करने में भी किया जा सकेगा। यह पहल विशेष रूप से कार्तिक पूर्णिमा, सोमवार के पर्वों और शिवरात्रि जैसे अवसरों पर महत्वपूर्ण होगी, जब श्रद्धालुओं को पवित्र जल की सबसे अधिक आवश्यकता रहती है।

जल संकट से जूझते क्षेत्र के लिए उम्मीद की किरण

वर्तमान समय में शमसाबाद, फतेहाबाद, पिनाहट और बाह ब्लॉक के क्षेत्र भूजल संकट की गंभीर समस्या से जूझ रहे हैं। भूजल स्तर लगातार नीचे जा रहा है और कई गांवों में हैंडपंप सूख चुके हैं। ऐसे में उटंगन नदी पर प्रस्तावित बांध इन क्षेत्रों में न केवल जल स्तर को सुधारने का कार्य करेगा, बल्कि पानी की गुणवत्ता में भी सकारात्मक बदलाव ला सकेगा।

सामाजिक सरोकार और सामूहिक जिम्मेदारी

सिविल सोसायटी ऑफ आगरा की पहल से यह साफ है कि जल संरक्षण केवल सरकारी योजनाओं पर नहीं छोड़ा जा सकता। इसके लिए समाज, संस्थाओं और नागरिकों को भी आगे आना होगा। बटेश्वर मेले जैसे धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजनों से जुड़कर यह संदेश और भी व्यापक स्तर पर फैल सकता है।

निष्कर्ष

उटंगन नदी पर केंद्रित यह प्रस्तावित "नदी सम्मेलन" न सिर्फ एक पर्यावरणीय पहल है, बल्कि यह परंपरा, संस्कृति और विकास के संगम का प्रतीक भी बनेगा। बटेश्वर का मेला इस प्रयास से केवल आस्था का केंद्र ही नहीं रहेगा, बल्कि जल संरक्षण और स्थायी विकास की दिशा में भी एक मजबूत कदम साबित होगा।


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Wednesday, October 1, 2025

उटंगन नदी का मुद्दा फिर चर्चा में – जिला पंचायत अध्यक्ष डॉ. मंजू भदौरिया ने रेहावली बांध के निर्माण पर दिया जोर

आगरा जनपद की जीवनरेखा कही जाने वाली उटंगन नदी एक बार फिर सुर्खियों में है। मानसून में उफान पर आने वाली इस अंतर्राज्यीय नदी के लिए अब जिला पंचायत अध्यक्ष डॉ. (श्रीमती) मंजू भदौरिया ने बड़ा कदम उठाने का ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि शासन-प्रशासन को तत्काल प्रभाव से नदी जल प्रबंधन पर काम करना होगा और खासतौर पर रेहावली बांध का मुद्दा अब वह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के समक्ष भी रखेंगी।

🏞️ नदी प्रबंधन और चिन्हांकन पर जोर

डॉ. भदौरिया ने बताया कि मानसून बीत चुका है और अब नदी का जलस्तर सामान्य हो गया है। ऐसे में जल डूब क्षेत्र का नवीनतम सर्वेक्षण और चिन्हांकन कार्य शीघ्रता से शुरू होना चाहिए। सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता को खूंटी लगाकर बाढ़ प्रभावित क्षेत्र तय करने के निर्देश दिए जा चुके हैं।

जरूरत पड़ने पर वह जिलाधिकारी को पत्र लिखकर तहसीलों के लेखपालों से सहयोग भी लेंगी। उन्होंने यह भी माना कि क्लाइमेट चेंज के कारण आगरा और आसपास के क्षेत्रों में अब मानसून के अतिरिक्त भी अप्रत्याशित वर्षा का खतरा बढ़ गया है। ऐसे में प्रभावी जल प्रबंधन और फसल क्षति कम करने की रणनीति पर काम करना जरूरी है।

🌐 अंतर्राज्यीय नदी और स्थानीय चुनौतियाँ

उटंगन नदी का लगभग 88 किलोमीटर का हिस्सा आगरा जिले में बहता है। राजस्थान की ओर से पानी रोक लिए जाने के बावजूद यहां का लोकल कैचमेंट एरिया मानसून में पानी की भरपूरता बनाए रखता है। यही कारण है कि नदी प्रबंधन और भी अहम हो जाता है।

🏗️ रेहावली बांध की आवश्यकता

जिला पंचायत अध्यक्ष ने स्पष्ट कहा कि अगर मुख्यमंत्री से मुलाकात होती है तो वह रेहावली गांव में बांध निर्माण का मुद्दा ज़रूर उठाएंगी। इस प्रस्ताव को वह पहले भी पूर्व विधायक डॉ. राजेन्द्र सिंह के साथ मुख्यमंत्री के सामने रख चुकी हैं। उनका मानना है कि रेहावली बांध बन जाने से न सिर्फ बाढ़ प्रबंधन आसान होगा बल्कि किसानों को भी बड़ी राहत मिलेगी।

👥 सामाजिक संगठनों का समर्थन

इस मौके पर सिविल सोसायटी ऑफ आगरा के प्रतिनिधियों ने भी उनसे मुलाकात की। मुलाकात करने वालों में सेक्रेटरी अनिल शर्मा, फोटो जर्नलिस्ट असलम सलीमी और राजीव सक्सेना शामिल रहे। इन सभी ने उटंगन नदी के संरक्षण और इसके विकास के लिए जिला पंचायत अध्यक्ष के प्रयासों का समर्थन किया। अनिल शर्मा (सेक्रेटरी)

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📌 खास रिपोर्ट: पत्रकार साजिद अली 
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