Monday, October 13, 2025

💧 बेटियां फाउंडेशन की अनोखी पहल — “घर-घर में जल बचाने की मुहिम, हर बूंद की है कीमत” 💧

लखनऊ।

त्योहारों की रौनक के बीच बेटियां फाउंडेशन ने एक अनूठी पहल शुरू की है — “हर बूंद की है कीमत”। संस्था द्वारा चलाया जा रहा यह जल संरक्षण अभियान जनभागीदारी के बल पर घर-घर तक पहुंच रहा है। फाउंडेशन की टीम ने “जल ही जीवन है” का संदेश लेकर मेले, चौपाल, स्कूल, पार्क और मोहल्लों में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए, जिसने जनमानस का ध्यान जल संकट की ओर खींचा।

संस्था की अध्यक्ष अंजु पांडेय ने बताया कि शहर और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में जल संरक्षण को लेकर जागरूकता की नई लहर दौड़ रही है। बच्चों और युवाओं ने पोस्टर प्रतियोगिता और रैली के माध्यम से लोगों को यह संदेश दिया कि “हर बूंद की कीमत समझो और पानी की बर्बादी रोकें।”

स्कूलों में विद्यार्थियों को वर्षा जल संचयन, नल की मरम्मत और पेड़ लगाने जैसे व्यावहारिक उपाय भी सिखाए गए। वहीं पार्कों और सामुदायिक स्थलों पर लगाए गए जल संरक्षण संदेश बैनर लोगों का आकर्षण का केंद्र बने।

गांवों की चौपालों पर बुजुर्गों ने पुराने समय की जल परंपराओं को याद किया और युवाओं से कहा — “जल बचाना केवल जिम्मेदारी नहीं, जीवन की आवश्यकता है।”

संस्था की जल सखी कमला और सुनीता ने बताया कि इस अभियान का उद्देश्य प्रत्येक नागरिक को “जल ही जीवन है” के संदेश से जोड़ना है ताकि आने वाली पीढ़ियों के लिए जल संसाधन सुरक्षित रह सकें।

यह मुहिम समाज को न केवल जागरूक कर रही है, बल्कि एक नई सोच भी जगा रही है — “त्योहारों की खुशियों के साथ प्रकृति की सुरक्षा भी उतनी ही जरूरी है।”

📸 रिपोर्टर: ज़मीर आलम
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Saturday, October 11, 2025

🩷 मेरा जन्म कोई बोझ नहीं — बेटियाँ फाउंडेशन का प्रेरणादायक कार्यक्रम 🩷

अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस पर मिशन शक्ति के तहत विशेष आयोजन
✍️ ज़मीर आलम, मुज़फ्फरनगर (उत्तर प्रदेश)
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अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर “बेटियाँ फाउंडेशन” द्वारा आयोजित “मेरा जन्म कोई बोझ नहीं” कार्यक्रम ने समाज को नई दिशा और सोच देने का संदेश दिया। यह आयोजन मिशन शक्ति 5.0 के अंतर्गत किया गया, जिसमें बालिकाओं के अधिकार, सुरक्षा और आत्मनिर्भरता पर विशेष फोकस रहा।

कार्यक्रम का संचालन कॉलेज कोऑर्डिनेटर श्रीमती रीना सिंह ने किया। मंच पर उपस्थित बालिकाओं को सुरक्षा से संबंधित महत्वपूर्ण हेल्पलाइन नंबर – 181, 112, 102, 1098, 1090, 1930 — की जानकारी दी गई। बाल विवाह रोकने हेतु अंजलि यादव को और नशा मुक्त समाज के लिए लवी को “मुक्ति मिशन गुरु” बनाया गया।


🌸 बालिका अधिकार और लैंगिक समानता का संदेश

फाउंडेशन की अध्यक्ष अंजु पांडेय ने कहा —

“आज का दिन दुनिया भर की लड़कियों की आवाज़ को बुलंद करने और उन्हें समाज में नेतृत्व की भूमिका के लिए प्रोत्साहित करने का है।”

उन्होंने बताया कि वर्ष 2025 की थीम

“मैं जो लड़की हूं, मैं जो बदलाव लाती हूं”
लड़कियों की उस क्षमता को रेखांकित करती है जिससे वे कठिन परिस्थितियों में भी आगे बढ़कर समाज में सकारात्मक बदलाव लाती हैं।

मानसी, शोभा, काजल, स्वाति, अंजलि, उमा और रिया जैसी छात्राओं ने इस विषय पर अपने विचार रखे और अपनी सोच से सभी को प्रेरित किया।


🎭 संस्कार, संस्कृति और संवेदना से सजा सांस्कृतिक कार्यक्रम

कुसुम शर्मा जी के नेतृत्व में हुआ सांस्कृतिक आयोजन दर्शकों के मन को छू गया।
चार ग्रुप बनाए गए —
1️⃣ बंगाली ग्रुप – प्रथम स्थान
2️⃣ नाटिका ग्रुप – द्वितीय
3️⃣ राजस्थान ग्रुप – तृतीय
4️⃣ सोलो प्रस्तुति – चतुर्थ

उमा ने अजन्मी बेटियों पर हो रहे अत्याचार को एक दर्द भरे गीत के माध्यम से व्यक्त किया, वहीं नाटिका “मुझे पढ़ने का हक दो तो दो परिवारों की ज़िंदगी बदल दूंगी” और “मैं कमजोर नहीं” ने शिक्षा और आत्मनिर्भरता का सशक्त संदेश दिया।


🕊️ रैली और जागरूकता का संकल्प

कार्यक्रम के अंत में हस्ताक्षर अभियान और लैंगिक समानता रैली आयोजित की गई। छात्राओं ने पोस्टर और नारों के माध्यम से समाज को जागरूक करने का आह्वान किया।

कार्यक्रम को सफल बनाने में कॉलेज स्टाफ व संस्था टीम — नीरा गुप्ता, संतोष भारद्वाज, काउंसलर मीनू बाना, डॉ. क्षमा चौहान, सचिव शिवकुमारी गुप्ता, शशि बाला, बबीता कटारिया आदि का विशेष योगदान रहा।


🌷 निष्कर्ष

“बेटियाँ फाउंडेशन” का यह कार्यक्रम सिर्फ एक आयोजन नहीं बल्कि समाज में बालिका सम्मान और समानता की नई शुरुआत साबित हुआ। “मेरा जन्म कोई बोझ नहीं” का यह संदेश हर उस घर तक पहुँचना चाहिए जहाँ आज भी बेटी को बोझ समझा जाता है।


📸 “समझो भारत” राष्ट्रीय समाचार पत्रिका के लिए मुज़फ्फरनगर, उत्तर प्रदेश से पत्रकार ज़मीर आलम की खास रिपोर्ट
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Saturday, October 4, 2025

साक्षी वेलफेयर ट्रस्ट की पहल: महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए निशुल्क सिलाई और ब्यूटी पार्लर सेंटर का शुभारंभ

मुजफ्फरनगर: समाज में महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए साक्षी वेलफेयर ट्रस्ट महिलाओं के लिए निशुल्क सिलाई और ब्यूटी पार्लर सेंटर की शुरुआत करने जा रही है। इस पहल का उद्देश्य महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना और उन्हें स्वरोजगार के अवसर प्रदान करना है।

कार्यक्रम का विवरण:

  • तारीख: 5 अक्टूबर 2025
  • समय: सुबह 11 बजे
  • दिन: रविवार
  • स्थान: प्राथमिक विद्यालय शास्त्री, काशीराम आवास विकास, शाकुन्तलम कालोनी, सरकुला रोड, मुजफ्फरनगर

इस अवसर पर समाज के सभी लोग और स्थानीय महिलाएं सादर आमंत्रित हैं, ताकि इस नेक पहल का समर्थन किया जा सके और महिलाओं को सशक्त बनाने के प्रयास में भाग लिया जा सके।

साक्षी वेलफेयर ट्रस्ट अध्यक्ष क्रांतिकारी शालू सैनी ने कहा कि यह पहल खासतौर पर उन महिलाओं के लिए है, जिन्हें स्वरोजगार और आत्मनिर्भर बनने के लिए मार्गदर्शन की आवश्यकता है। उन्होंने यह भी बताया कि यह केंद्र निशुल्क प्रशिक्षण प्रदान करेगा, ताकि महिलाएं अपने हुनर से जीवनयापन कर सकें।

इस सामाजिक कार्यक्रम की ख़ास रिपोर्ट तैयार की है पत्रकार ज़मीर आलम ने, जो सामाजिक संस्थाओं और उनके योगदान को उजागर करने के लिए लगातार काम कर रहे हैं।

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साक्षी वेलफेयर ट्रस्ट की यह पहल न केवल महिलाओं के लिए नई राह खोलती है, बल्कि समाज में समान अवसर और महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक मिसाल भी कायम करती है।



Thursday, October 2, 2025

उटंगन नदी पर जल संरक्षण सम्मेलन : बटेश्वर मेले से जुड़ेगा नया आयाम

बटेश्वर का प्रसिद्ध मेला न केवल आध्यात्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह क्षेत्रीय विकास और पर्यावरण संरक्षण को भी नई दिशा देने का अवसर प्रदान कर सकता है। इसी सोच को आगे बढ़ाते हुए सिविल सोसायटी ऑफ आगरा ने जिला पंचायत अध्यक्ष से अनुरोध किया है कि बटेश्वर मेले के अवसर पर उटंगन नदी पर केंद्रित "नदी सम्मेलन" आयोजित किया जाए।

सोसायटी के सचिव अनिल शर्मा का कहना है कि उटंगन नदी इस क्षेत्र के भूजल स्तर को स्थिर करने में बेहद अहम भूमिका निभा सकती है। नदी में बरसात के पानी को रोककर न केवल करोड़ों घन मीटर जल को संरक्षित किया जा सकता है, बल्कि इसका उपयोग बटेश्वर मंदिर के घाटों पर शुद्ध और ताजे जल की उपलब्धता सुनिश्चित करने में भी किया जा सकेगा। यह पहल विशेष रूप से कार्तिक पूर्णिमा, सोमवार के पर्वों और शिवरात्रि जैसे अवसरों पर महत्वपूर्ण होगी, जब श्रद्धालुओं को पवित्र जल की सबसे अधिक आवश्यकता रहती है।

जल संकट से जूझते क्षेत्र के लिए उम्मीद की किरण

वर्तमान समय में शमसाबाद, फतेहाबाद, पिनाहट और बाह ब्लॉक के क्षेत्र भूजल संकट की गंभीर समस्या से जूझ रहे हैं। भूजल स्तर लगातार नीचे जा रहा है और कई गांवों में हैंडपंप सूख चुके हैं। ऐसे में उटंगन नदी पर प्रस्तावित बांध इन क्षेत्रों में न केवल जल स्तर को सुधारने का कार्य करेगा, बल्कि पानी की गुणवत्ता में भी सकारात्मक बदलाव ला सकेगा।

सामाजिक सरोकार और सामूहिक जिम्मेदारी

सिविल सोसायटी ऑफ आगरा की पहल से यह साफ है कि जल संरक्षण केवल सरकारी योजनाओं पर नहीं छोड़ा जा सकता। इसके लिए समाज, संस्थाओं और नागरिकों को भी आगे आना होगा। बटेश्वर मेले जैसे धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजनों से जुड़कर यह संदेश और भी व्यापक स्तर पर फैल सकता है।

निष्कर्ष

उटंगन नदी पर केंद्रित यह प्रस्तावित "नदी सम्मेलन" न सिर्फ एक पर्यावरणीय पहल है, बल्कि यह परंपरा, संस्कृति और विकास के संगम का प्रतीक भी बनेगा। बटेश्वर का मेला इस प्रयास से केवल आस्था का केंद्र ही नहीं रहेगा, बल्कि जल संरक्षण और स्थायी विकास की दिशा में भी एक मजबूत कदम साबित होगा।


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पत्रकार : साजिद अली
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Wednesday, October 1, 2025

उटंगन नदी का मुद्दा फिर चर्चा में – जिला पंचायत अध्यक्ष डॉ. मंजू भदौरिया ने रेहावली बांध के निर्माण पर दिया जोर

आगरा जनपद की जीवनरेखा कही जाने वाली उटंगन नदी एक बार फिर सुर्खियों में है। मानसून में उफान पर आने वाली इस अंतर्राज्यीय नदी के लिए अब जिला पंचायत अध्यक्ष डॉ. (श्रीमती) मंजू भदौरिया ने बड़ा कदम उठाने का ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि शासन-प्रशासन को तत्काल प्रभाव से नदी जल प्रबंधन पर काम करना होगा और खासतौर पर रेहावली बांध का मुद्दा अब वह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के समक्ष भी रखेंगी।

🏞️ नदी प्रबंधन और चिन्हांकन पर जोर

डॉ. भदौरिया ने बताया कि मानसून बीत चुका है और अब नदी का जलस्तर सामान्य हो गया है। ऐसे में जल डूब क्षेत्र का नवीनतम सर्वेक्षण और चिन्हांकन कार्य शीघ्रता से शुरू होना चाहिए। सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता को खूंटी लगाकर बाढ़ प्रभावित क्षेत्र तय करने के निर्देश दिए जा चुके हैं।

जरूरत पड़ने पर वह जिलाधिकारी को पत्र लिखकर तहसीलों के लेखपालों से सहयोग भी लेंगी। उन्होंने यह भी माना कि क्लाइमेट चेंज के कारण आगरा और आसपास के क्षेत्रों में अब मानसून के अतिरिक्त भी अप्रत्याशित वर्षा का खतरा बढ़ गया है। ऐसे में प्रभावी जल प्रबंधन और फसल क्षति कम करने की रणनीति पर काम करना जरूरी है।

🌐 अंतर्राज्यीय नदी और स्थानीय चुनौतियाँ

उटंगन नदी का लगभग 88 किलोमीटर का हिस्सा आगरा जिले में बहता है। राजस्थान की ओर से पानी रोक लिए जाने के बावजूद यहां का लोकल कैचमेंट एरिया मानसून में पानी की भरपूरता बनाए रखता है। यही कारण है कि नदी प्रबंधन और भी अहम हो जाता है।

🏗️ रेहावली बांध की आवश्यकता

जिला पंचायत अध्यक्ष ने स्पष्ट कहा कि अगर मुख्यमंत्री से मुलाकात होती है तो वह रेहावली गांव में बांध निर्माण का मुद्दा ज़रूर उठाएंगी। इस प्रस्ताव को वह पहले भी पूर्व विधायक डॉ. राजेन्द्र सिंह के साथ मुख्यमंत्री के सामने रख चुकी हैं। उनका मानना है कि रेहावली बांध बन जाने से न सिर्फ बाढ़ प्रबंधन आसान होगा बल्कि किसानों को भी बड़ी राहत मिलेगी।

👥 सामाजिक संगठनों का समर्थन

इस मौके पर सिविल सोसायटी ऑफ आगरा के प्रतिनिधियों ने भी उनसे मुलाकात की। मुलाकात करने वालों में सेक्रेटरी अनिल शर्मा, फोटो जर्नलिस्ट असलम सलीमी और राजीव सक्सेना शामिल रहे। इन सभी ने उटंगन नदी के संरक्षण और इसके विकास के लिए जिला पंचायत अध्यक्ष के प्रयासों का समर्थन किया। अनिल शर्मा (सेक्रेटरी)

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📌 खास रिपोर्ट: पत्रकार साजिद अली 
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Monday, September 29, 2025

133 मेधावी छात्र-छात्राओं का सम्मान: मंसूरी सोसाइटी का सातवां वार्षिक समारोह

शामली, उत्तर प्रदेश:

मंसूरी एजुकेशन एंड वेलफेयर सोसाइटी ने शिक्षा को समाज की तरक्की का मूल मंत्र मानते हुए अपना सातवां वार्षिक समारोह बड़े उत्साह और गरिमा के साथ मनाया। रविवार को शामली स्थित अर्जुन फार्म हाउस में आयोजित इस समारोह में इंटर और हाई स्कूल के 133 मेधावी छात्र-छात्राओं को उनके प्राप्तांकों के आधार पर मेडल, शील्ड और प्रमाणपत्र देकर सम्मानित किया गया।


समारोह की शुरुआत और प्रबंधन

कार्यक्रम का शुभारंभ मुफ्ती नासिर गोगवान की तिलावत-ए-कुरान और राष्ट्रगान के साथ हुआ।

  • अध्यक्षता: हाजी मुर्सलीन अली दुल्ला खेड़ी (भाट्टू खेड़ी)
  • प्रबंधन: इंजीनियर मुस्तकीम मंसूरी (शामली)
  • मंच संचालन: हाजी वाजिद मंसूरी कैराना (पूर्व अध्यक्ष एवं संरक्षक)

गोल्ड मेडलिस्ट बिलाल मंसूरी का सम्मान

समारोह की विशेष झलक तब देखने को मिली जब मेरठ मंडल के मवाना निवासी गोल्ड मेडलिस्ट छात्र बिलाल मंसूरी को सम्मानित किया गया।

  • मात्र 13 वर्ष की आयु से समाजसेवा में सक्रिय
  • उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा सोशल वर्क में प्रथम स्थान प्राप्त
  • हाल ही में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल द्वारा लखनऊ में सम्मानित

इस उपलब्धि ने पूरे मंसूरी समाज में गर्व और उत्साह का संचार कर दिया।


शिक्षा और समाज पर विचार

वक्ताओं ने कहा कि शिक्षा ही समाज और राष्ट्र की तरक्की की कुंजी है।

  • उमर एडवोकेट (मुजफ्फरनगर): “मंसूरी समाज शिक्षा के क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रहा है, आने वाले समय में यही बच्चे देशहित में योगदान देंगे।”
  • नन्हे हाफिज मोहम्मद हसन मंसूरी: अपनी कवितामयी प्रस्तुति “शिक्षा हमारी शान है, मंसूरी हमारी पहचान है, सबसे प्यारा हमारा हिंदुस्तान है” से कार्यक्रम में चार चांद लगाए।
  • गुलजार फौजी: देश के प्रति वफादारी और अमन-भाईचारे पर जोर दिया।

उपलब्धियों का विमोचन और सम्मान

समारोह के दौरान सोसाइटी की छह वर्षों की उपलब्धियों पर आधारित बुकलेट का विमोचन किया गया।
चौ. इनाम मंसूरी (पानीपत) ने संगठन पदाधिकारियों को फूलमालाएं पहनाकर सम्मानित किया।

मंच पर सम्मानित प्रमुख पदाधिकारीगण में शामिल रहे:
हाजी वाजिद मंसूरी, हाजी मुर्सलीन अली, आस मोहम्मद मंसूरी, इंजीनियर मुस्तकीम मंसूरी, शहजाद मंसूरी, डॉ. सोनू मंसूरी, मास्टर इनाम मंसूरी, मास्टर सलीम मंसूरी, आरिफ मंसूरी, मुनिम मंसूरी, गुलजार फौजी, डॉ. शमीम मंसूरी, अमीर आलम एडवोकेट, मास्टर साजिद, राशिद एडवोकेट आदि।


बड़ी संख्या में मेहमानों की शिरकत

समारोह में मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, ग्रेटर नोएडा, मेरठ, पानीपत और दिल्ली सहित विभिन्न स्थानों से आए मेहमानों और गणमान्य व्यक्तियों ने शिरकत की। इसमें कारी इसराइल गोगवान, आजाद मंसूरी, तहसीन मंसूरी, अब्दुल सत्तार मंसूरी, हाजी फरमान खान मंसूरी, डॉ. अंसार मंसूरी, उमर एडवोकेट, उस्मान एडवोकेट, हाशिम मंसूरी, मोहम्मद हुसैन मंसूरी समेत दर्जनों गणमान्य शामिल रहे।


समापन और संदेश

कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान और भाईचारे की दुआओं के साथ हुआ।
समारोह ने एक बार फिर यह संदेश दिया कि “शिक्षा ही समाज और राष्ट्र की असली शक्ति है।”


संपूर्ण सामाजिक संस्थाओं को समर्पित देश की एकमात्र राष्ट्रीय समाचार पत्रिका “एनजीओ दर्पण” के लिए विशेष रिपोर्ट
पत्रकार: गुलवेज आलम
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Sunday, September 28, 2025

पूंजीपतियों के हाथों देश बेचा जा रहा, आज़ाद भारत को सुरक्षित रखना हमारी चुनौती: डॉ. अशोक मलिक

सहारनपुर, उत्तर प्रदेश: 28 सितंबर 2025 को दिल्ली रोड स्थित टपरी बायपास के विशाल जाट भवन में आर्य जाट समाज कल्याण समिति द्वारा द्विवार्षिक प्रतिभा सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता समिति के अध्यक्ष चौधरी बख्तावर सिंह ने की। समारोह में हाई स्कूल, इंटर, इंटरमीडिएट, हायर एजुकेशन, व्यावसायिक शिक्षा, IPSIA और खेलकूद सहित अन्य क्षेत्रों में जाट समाज का नाम रोशन करने वाले 92 प्रतिभाओं को सम्मानित किया गया।

डॉ. अशोक मलिक का संदेश

समारोह को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय जाट महासभा भारत के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. अशोक मलिक ने कहा कि हमारे पूर्वजों ने देश के लिए अपार कुर्बानियां दी हैं। उन्होंने बताया कि जब भी देश की सत्ता जाट समाज से जुड़े नेतृत्व के हाथ में रही, तब देश संकटों से उभरा है। आज की परिस्थितियों में देश की बागडोर कमजोर लोगों और पूंजीपतियों के हाथों में है। डॉ. मलिक ने सभी प्रतिभाओं से अपील की कि वे एकजुट हों और जाट समाज के नेतृत्व में भारत को सुरक्षित रखने का संकल्प लें।

समाजिक और युवा संदेश

आर्य जाट समाज कल्याण समिति के अध्यक्ष चौधरी बख्तावर सिंह ने कहा कि आज युवाओं को सही मार्गदर्शन देना जरूरी है। उन्हें नशे और समाज में फैली कुरीतियों से दूर रखना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए। मृत्यु भोज, दहेज प्रथा और अन्य सामाजिक बुराइयों के खिलाफ भी गहन चर्चा की गई।

चौधरी बख्तावर सिंह को सर्व समिति की सहमति से पुनः अध्यक्ष घोषित किया गया। समारोह में करनल एस.पी. सिंह, जिला पंचायत अध्यक्ष चौधरी मांगेराम, ब्लॉक प्रमुख चौ. विजेंद्र सिंह, किसान नेता भगत सिंह वर्मा, राष्ट्रीय लोक दल के प्रदेश महासचिव चौ. धीर सिंह, आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य योगेश दहिया, पूर्व जिला अध्यक्ष मास्टर रणवीर सिंह, रविंद्र मलिक, वीर सेन, सतेंद्र सोलंकी, भगत सिंह दिनकर, नत्थू सिंह ठेकेदार, महिला जिला अध्यक्ष रेनू चौधरी, बबीता मलिक, अशोक कुमार चौधरी सहित अन्य पदाधिकारी उपस्थित रहे और उन्होंने समाजिक चेतना व युवाओं के लिए संदेश साझा किया।


रिपोर्ट: गुलवेज आलम, सहारनपुर, उत्तर प्रदेश
राष्ट्रीय समाचार पत्रिका: एनजीओ दर्पण

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अखिल भारतीय अग्रवाल समाज (रजि.) ट्रस्ट, शामली द्वारा द्वितीय निःशुल्क स्वास्थ्य जाँच शिविर का सफल आयोजन

शामली। समाज सेवा और स्वास्थ्य जागरूकता की दिशा में सराहनीय कदम उठाते हुए अखिल भारतीय अग्रवाल समाज (रजि.) ट्रस्ट, शामली ने रविवार को सरती देवी राजाराम पब्लिक स्कूल, शामली परिसर में अपना द्वितीय निःशुल्क स्वास्थ्य जाँच शिविर सफलतापूर्वक आयोजित किया।

शिविर का शुभारंभ ट्रस्ट के पदाधिकारियों ने संयुक्त रूप से किया। इस अवसर पर मैक्स सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल, साकेत (नई दिल्ली) से पहुँची विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम ने सैकड़ों मरीजों की निःशुल्क जाँच कर परामर्श प्रदान किया।

इस स्वास्थ्य शिविर में फाइब्रो-स्कैन, हैपेटाइटिस जाँच, बीएमडी (हड्डियों में कैल्शियम जाँच), ईसीजी, ब्लड शुगर, ब्लड प्रेशर सहित कई आधुनिक जाँच सुविधाएँ उपलब्ध कराई गईं।

डॉक्टरों की टीम में शामिल रहे –

  • डॉ. अंशुल गोयल (न्यूरोलॉजिस्ट)
  • डॉ. आदित्य सिंघल (कान एवं श्रवण रोग विशेषज्ञ)
  • डॉ. अंकुश (अस्थि रोग विशेषज्ञ)
  • डॉ. मुइज्जफर (तंत्रिका विशेषज्ञ)
  • डॉ. आकीब उल्लाह (हृदय रोग विशेषज्ञ)

इस निःशुल्क शिविर में 511 से अधिक लोगों ने स्वास्थ्य जाँच कराई और आवश्यकतानुसार उन्हें दवाइयाँ भी उपलब्ध कराई गईं।

ट्रस्ट अध्यक्ष रॉबिन गर्ग ने शिविर की सफलता पर प्रसन्नता जताई और बताया कि यह दूसरा शिविर है, जिसमें लोगों की सहभागिता और उत्साह अभूतपूर्व रहा। उन्होंने मैक्स अस्पताल की टीम, अतिथियों और ट्रस्ट सदस्यों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि सभी के सहयोग से ही शिविर सफल हो सका।

शिविर के संयोजक रहे – राहुल तायल, सीए आकाश गुप्ता, निकुंज मित्तल, संजीव संगल, राजेश बंसल, अमित जिंदल, अनिल गोयल और डॉ. यश ऐरन
साथ ही सचिव उत्तम जिंदल, कोषाध्यक्ष रजत बंसल, और अन्य पदाधिकारियों ने सक्रिय भागीदारी निभाई।

युवा टीम से महामंत्री आकाश गोयल, कोषाध्यक्ष आयुष गुप्ता, शिवम गुप्ता, उत्कर्ष, अर्चित, दीपक गोयल, निशु, हर्ष, आयुष्मान, अनमोल गोयल सहित कई युवाओं ने शिविर को सफल बनाने में अहम भूमिका निभाई।

संस्था चेयरमैन हैप्पी गोयल एवं श्रीमती संगीत गोयल का विशेष सहयोग और मार्गदर्शन इस शिविर में महत्वपूर्ण रहा।


📰 यह रिपोर्ट संपूर्ण सामाजिक संस्थाओं को समर्पित देश की एकमात्र राष्ट्रीय समाचार पत्रिका "एनजीओ दर्पण" के लिए
ब्यूरो-चीफ शौकिन सिद्दीकी के साथ कैमरा मैन रामकुमार चौहान की ख़ास प्रस्तुति।

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स्वस्थ नारी – सशक्त परिवार : महिलाओं के स्वास्थ्य पर केंद्रित एक बड़ा अभियान

सरधना, मेरठ।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा चलाई जा रही “स्वस्थ नारी – सशक्त परिवार योजना” के अंतर्गत शनिवार को जनहित एवं स्वस्थ सेवा समिति सरधना में एक विशाल महिला बैठक का आयोजन हुआ। इस बैठक की सबसे खास बात यह रही कि इसमें बड़ी संख्या में अल्पसंख्यक वर्ग की महिलाओं की भागीदारी देखने को मिली।

कार्यक्रम का शुभारंभ

बैठक का शुभारंभ नगर पालिका चेयरपर्सन श्रीमती सबीला अंसारी ने किया। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि –

“महिलाओं का स्वास्थ्य केवल उनके लिए ही नहीं, बल्कि पूरे परिवार और समाज के लिए महत्वपूर्ण है। एक स्वस्थ महिला ही अपने परिवार को मजबूत और सशक्त बना सकती है।”

मुख्य अतिथि और समाजसेवी का संदेश

कार्यक्रम में श्रम विभाग से श्री शशिकांत पांडे और स्वास्थ्य विभाग प्रभारी श्री संदीप गौतम मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहे।
वरिष्ठ समाजसेवी शाहवेज़ अंसारी ने भी महिलाओं को संबोधित करते हुए कहा कि केंद्र और राज्य सरकारें महिलाओं के स्वास्थ्य एवं उत्थान के लिए अनेक योजनाएं चला रही हैं। ज़रूरी है कि इन योजनाओं का लाभ समाज की प्रत्येक पात्र महिला तक पहुँचे।

आयोजन का उद्देश्य

बैठक का संचालन जनहित एवं स्वास्थ्य समिति के अध्यक्ष मिर्ज़ा इस्माइल ने किया। उन्होंने कहा कि इस बैठक का मुख्य उद्देश्य महिलाओं को स्वास्थ्य संबंधी जानकारी और सरकारी योजनाओं से जोड़ना है ताकि वे अपने अधिकारों और सुविधाओं का लाभ उठा सकें।

चिकित्सकों की टीम और मार्गदर्शन

इस अवसर पर विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम भी मौजूद रही जिनमें –
डॉ. इदरीश, इकराम अंसारी, अनीश कुरैशी, डॉ. शारुख, डॉ. निर्दोष, विनोद कुमार, सचिन त्यागी और आकाश शामिल थे।
इन चिकित्सकों ने महिलाओं को विभिन्न बीमारियों की रोकथाम, पोषण, स्वच्छता और नियमित स्वास्थ्य जांच की महत्ता पर विस्तार से जानकारी दी।

योजना के लाभ

बैठक में महिलाओं को यह भी बताया गया कि प्रधानमंत्री की इस योजना के तहत –

  • निशुल्क स्वास्थ्य परीक्षण
  • परामर्श
  • दवाइयाँ
    उपलब्ध कराई जा रही हैं।
    साथ ही मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य से जुड़ी सरकारी योजनाओं की भी जानकारी दी गई।

महिलाओं की सहभागिता

सैकड़ों की संख्या में पहुंची महिलाओं ने बड़ी रुचि से कार्यक्रम में भाग लिया। उन्होंने यह संकल्प लिया कि वे इन योजनाओं का लाभ केवल स्वयं तक ही सीमित नहीं रखेंगी, बल्कि अपने परिवार और समाज तक पहुँचाएंगी।

निष्कर्ष

वक्ताओं ने एक स्वर में कहा –

“स्वस्थ नारी ही सशक्त परिवार की नींव है।”

महिलाओं को जागरूक करना और उन्हें समय-समय पर स्वास्थ्य सेवाओं से जोड़ना वास्तव में समाज और देश के भविष्य के लिए सबसे बड़ा निवेश है।


✍ विशेष रिपोर्ट : ज़मीर आलम
प्रधान संपादक, एनजीओ दर्पण (संपूर्ण सामाजिक संस्थाओं को समर्पित देश की एकमात्र राष्ट्रीय समाचार पत्रिका)
📍 सरधना, जिला मेरठ, उत्तर प्रदेश
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Monday, September 22, 2025

छात्राओं को महाविद्यालय के सामान्य नियमों एवं समस्त शिक्षको से परिचित कराया गया

मेरठ शहीद मंगल पांडे राजकीय महिला स्नातकोत्तर द्वारा माधवपुरम ,मेरठ, के बी o एड oविभाग द्वारा  बीएड प्रथम वर्ष की  नवप्रवेशित छात्राओं हेतु अभीविन्यास कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती पर पुष्प अर्पण करके प्रारंभ हुआ। बी o एड oविभाग  की नवप्रवेशित छात्राओं द्वारा मां सरस्वती वंदना एवं स्वागत गीत की प्रस्तुति दी गई ।

तत्पश्चात छात्राओं को महाविद्यालय के  सामान्य नियमों एवं समस्त शिक्षको  से परिचित कराया गया।  महाविद्यालय की प्राचार्य प्रोफेसर (डॉ०) अंजु सिंह ने छात्राओं को आशीष वचन देते हुए कहा कि बीo एड o शिक्षण प्रशिक्षण प्रक्रिया में छात्र महत्वपूर्ण भूमिका रखते हैं। 

अतः उन्हें अनुशासित रहते हुए समस्त कार्यक्रम में अपनी सहभागिता सुनिश्चित करनी चाहिए। तत्पश्चात बी o एड oके समस्त अध्यापकों के द्वारा अपने-अपने विषय की जानकारी दी गई । छात्राओं द्वारा सांस्कृतिक प्रस्तुति दी गई।

कार्यक्रम का संचालन शालिनी सिंह के द्वारा किया गया धन्यवाद ज्ञापन डॉक्टर भावना सिंह के द्वारा किया गया । कार्यक्रम को सफल बनाने में बी o एड o विभाग के समस्त अध्यापक डॉo भावना सिंह, डॉo पारुल मालिक, डॉo मंजू रानी, डॉo आशीष पाठक, डॉo दीपा गुप्ता ,डॉ oरतन ,डॉo ज्ञानेंद्र एवं डॉo रिचा राणा का सहयोग रहा

(मनीष सिंह संवादाता)

Friday, September 19, 2025

संस्कार और संस्कृति : महिलाओं ने उठाया नई पीढ़ी को जड़ों से जोड़ने का संकल्प

मेरठ। आधुनिकता की तेज़ रफ़्तार में जहाँ नई पीढ़ी पर पाश्चात्य प्रभाव बढ़ रहा है, वहीं समाज की महिलाओं ने यह ठान लिया है कि वे बच्चों के जीवन में भारतीय संस्कृति और संस्कारों का बीजारोपण करेंगी। इसी उद्देश्य से संस्था कार्यालय, निकट पीवीएस मॉल शास्त्री नगर, मेरठ में एक विशेष संस्कार और संस्कृति कार्यक्रम गोष्ठी का आयोजन किया गया।

बैठक का उद्देश्य

इस बैठक का मुख्य ध्येय था— आने वाली पीढ़ी को न केवल आधुनिक शिक्षा देना बल्कि उन्हें भारतीय संस्कृति, पारिवारिक मूल्यों और परंपराओं से भी जोड़ना।
कार्यक्रम का संचालन सुधा अरोड़ा ने किया।

महिलाओं ने साझा किए विचार

बैठक में उपस्थित विभिन्न परिवारों की महिलाओं ने कहा कि बच्चों को केवल किताबों तक सीमित न रखकर कहानियों, धार्मिक गीतों, लोक रीति-रिवाज़ और सामूहिक गतिविधियों के माध्यम से भी शिक्षा दी जानी चाहिए। यही प्रयास उनके व्यक्तित्व निर्माण और समाज के सशक्तिकरण में सहायक होगा।

  • उपाध्यक्ष क्षमा चौहान ने कहा — “बच्चों की पहली पाठशाला परिवार होता है और माँ ही उनकी पहली शिक्षक।”
  • कुसुम शर्मा का कहना था — “अगर हम आज से ही बच्चों को संस्कार देंगे, तो कल समाज संस्कारित और सशक्त बनेगा।”
  • अध्यक्ष अंजू पाण्डेय ने ज़ोर देकर कहा — “आज की पीढ़ी को केवल आधुनिक शिक्षा ही नहीं, बल्कि हमारी जड़ों से जुड़ी शिक्षा भी देना जरूरी है।”

सामूहिक संकल्प

अंत में सभी महिलाओं ने यह सामूहिक संकल्प लिया कि बच्चों में संस्कार और संस्कृति रोपित करने का यह अभियान लगातार जारी रहेगा।

सहयोगी सदस्य

इस आयोजन में मीनू बाना, नीरा गुप्ता, कुसुम शर्मा, लक्ष्मी बिंदल, कुसुम मित्तल, सचिव शिवकुमारी गुप्ता, शशि वाला, मंजुला शर्मा सहित अनेक महिलाओं का सक्रिय सहयोग रहा।


✍️ विशेष रिपोर्ट : ज़मीर आलम
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युवा पीढ़ी और स्वास्थ्य संकट : भक्ति, प्रसाद और जीवनशैली पर सामूहिक आत्ममंथन

आज के दौर में हमारे देश का सबसे बड़ा खजाना है – युवा पीढ़ी। लेकिन पिछले कुछ समय से देशभर से जो खबरें सामने आ रही हैं, वे मन को गहराई तक झकझोर देती हैं। असमय मौतें, अचानक हृदयाघात और गंभीर स्वास्थ्य समस्याएँ... यह सब केवल व्यक्तिगत नहीं बल्कि पूरे समाज के लिए चेतावनी हैं।

बदलती जीवनशैली और बढ़ते खतरे

तेज़ रफ़्तार ज़िंदगी, देर रात तक मोबाइल और गैजेट्स पर बिताए घंटे, अधूरी नींद, जंक फूड की बढ़ती आदतें, प्रदूषण और तनाव—यह सब मिलकर युवाओं की सेहत पर भारी पड़ रहे हैं। कुछ युवा बिना उचित मार्गदर्शन के फिटनेस की दौड़ में सप्लीमेंट्स और स्टेरॉयड का सहारा ले रहे हैं, जो धीरे-धीरे शरीर को अंदर से खोखला बना रहे हैं।

धार्मिक आयोजनों और प्रसाद पर भी सोचने की ज़रूरत

हमारे समाज में भजन-कीर्तन और धार्मिक आयोजनों की परंपरा पिछले कुछ वर्षों में तेजी से बढ़ी है। यह देखकर आत्मा प्रसन्न होती है कि आस्था और भक्ति में इज़ाफ़ा हो रहा है। लेकिन, एक सवाल मन में उठता है – क्या भक्ति केवल गरिष्ठ प्रसाद के बिना पूरी नहीं हो सकती?

अधिकतर जगहों पर देर रात 10-11 बजे के बाद प्रसाद वितरण शुरू होता है। मिठाइयाँ, तली-भुनी चीजें और घी-तेल से बने पकवान सीधे सोने से पहले शरीर में चले जाते हैं। महीने में एक-दो बार तो शरीर इसे सहन कर लेता है, लेकिन जब यह आदत हर हफ्ते दोहराई जाती है, तो यह हृदय, यकृत और पाचन तंत्र पर बोझ डालने लगती है।

क्यों न सात्विक प्रसाद की शुरुआत हो?

गरुड़ पुराण और अन्य शास्त्रों में भी शरीर को स्वर्ग और नरक का मूल माना गया है। यदि शरीर स्वस्थ है, तो भक्ति का आनंद भी दुगना है। सवाल यह है कि प्रसाद केवल मिठाई या भारी भोजन ही क्यों?

  • क्या हम खिचड़ी, फल या अन्य सुपाच्य और सात्विक आहार को प्रसाद का रूप नहीं दे सकते?
  • क्या ऐसा प्रसाद हमारी आत्मा के साथ-साथ शरीर को भी पोषण नहीं देगा?

सामूहिक बदलाव की आवश्यकता

लेख का उद्देश्य किसी की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाना नहीं है। बल्कि यह आग्रह है कि भक्ति और स्वास्थ्य को साथ लेकर चलें। यदि हम अपने धार्मिक आयोजनों में सात्विक और पौष्टिक प्रसाद को शामिल करें, तो यह न केवल आध्यात्मिक उन्नति में सहायक होगा बल्कि आने वाली पीढ़ियों को भी स्वस्थ जीवन का वरदान देगा।

अब समय आ गया है कि हम केवल व्यक्तिगत नहीं, बल्कि सामूहिक स्तर पर अपनी आदतों और परंपराओं की समीक्षा करें। तभी हम एक ऐसे भारत का निर्माण कर पाएँगे, जहाँ भक्ति और स्वास्थ्य दोनों का सुंदर संगम हो।


✍️ डॉ. प्रियंका जोशी
सामाजिक कार्यकर्ता, लक्ष्मणगढ़ (सीकर)

📰 प्रस्तुतकर्ता: सैय्यद मुजम्मिल हुसैन
संपूर्ण सामाजिक संस्थाओं को समर्पित राष्ट्रीय समाचार पत्रिका “एनजीओ दर्पण” के लिए विशेष रिपोर्ट

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