📝 रिपोर्ट: गुलवेज़ आलम, नवसारी — एनजीओ दर्पण
संविधान दिवस के अवसर पर गुजरात के नवसारी ज़िले के तरसाड़ी गाँव में गंगा समग्र संघ द्वारा एक महत्वपूर्ण जनजागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। यह आयोजन 7 दिसंबर 2025, रविवार को गाँव के सरपंच संजय हलपति के सक्रिय सहयोग से हुआ, जिसमें ग्रामीणों की बड़ी संख्या में उपस्थिति ने इस पहल को बेहद प्रभावशाली बना दिया।संविधान की मूल भावना पर विशेषज्ञों ने की सरल चर्चा
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता वरिष्ठ एडवोकेट प्रतापसिंह महिडा ने संविधान की आत्मा, उसकी महत्ता और नागरिकों के मौलिक अधिकारों पर विस्तृत चर्चा की।उन्होंने कहा—
“संविधान कोई साधारण दस्तावेज नहीं, यह देश के हर नागरिक को न्याय, सुरक्षा और समानता देने वाला मूल आधार है।” महिडा ने विशेष ज़ोर देते हुए कहा कि समाज के अंतिम पायदान पर रहने वाले लोगों तक संविधान की जानकारी पहुँचना बेहद आवश्यक है, ताकि वे अपने अधिकारों का सही तरीके से उपयोग कर सकें।
कानूनी जानकारियों पर ग्रामीणों के सवालों का समाधान
महिडा की टीम के अनुभवी वकील —- वरुण दवे
- कृष्णराज सिंह देसाई
ने ग्रामीणों को सरल भाषा में कानूनी प्रक्रियाओं, अधिकारों और सामान्य न्याय व्यवस्था के बारे में बताया।
उन्होंने ग्रामीणों के कई सवालों के जवाब दिए और कहा कि कानून का उद्देश्य हर व्यक्ति को न्याय दिलाना है, और उसके लिए जागरूकता सबसे पहला कदम है।
कार्यक्रम में प्रमुख पदाधिकारियों की भागीदारी
इस जनजागरूकता कार्यक्रम में कई प्रमुख पदाधिकारी उपस्थित रहे, जिनमें शामिल थे—- राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं गुजरात संयोजक ऋषिदा ठाकुर
- जिला अध्यक्ष प्रवीन गढ़वी
- महामंत्री हर्षा घोघारी
- नए सदस्य नीतू शर्मा
- वकील अमरीश सिंघानिया
- अनुप भदौरिया
- वेद प्रकाश
सभी पदाधिकारियों ने संविधान दिवस की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए समाज को कानूनी रूप से सशक्त बनाने की प्रतिबद्धता व्यक्त की।
युवाओं की भागीदारी और ग्रामीणों की सराहना
तरसाड़ी गाँव के सरपंच संजय हलपति की युवा टीम ने आयोजन की पूरी जिम्मेदारी संभाली और कार्यक्रम को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की। ग्रामीणों ने वक्ताओं की बातों को ध्यान से सुना और माना कि इस तरह की पहल से उनके भीतर संविधान और कानून को लेकर जागरूकता बढ़ी है।ग्रामीणों ने भविष्य में भी ऐसे कार्यक्रमों के आयोजन की मांग की।
राष्ट्रहित के संकल्प के साथ कार्यक्रम का समापन
कार्यक्रम का समापन धन्यवाद प्रस्ताव और राष्ट्रहित व सामाजिक जागरूकता के संकल्प के साथ हुआ।यह आयोजन न सिर्फ संविधान दिवस को सार्थक बना गया, बल्कि ग्रामीणों में कानूनी समझ और जागरूकता को भी नई राह दे गया।
📌 विशेष रिपोर्ट
देश की एकमात्र राष्ट्रीय सामाजिक संस्थाओं को समर्पित समाचार पत्रिका — “एनजीओ दर्पण”
रिपोर्ट: गुलवेज़ आलम, नवसारी (गुजरात)
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