ब्राह्मण सभा राजनैतिक दलों के नेताओं द्वारा जताई जा रही सदभावनाओं के प्रति कृतज्ञता जताती है तथा अपेक्षा करती है कि सकारात्मक अभिव्यक्तियों के अनुरूप उन कार्यों के प्रति जाने की भावनाओं के लिये उनका अभिनन्दन करती है. सभा का मानना है कि समाज के हित,नीति और न्याय के कार्य में ब्राह्मणों की हमेशा सक्रिय रही भूमिका की स्वीकारिता के साथ ही उस विरासत और साक्ष्यों को संजोने में भी समाज और राजनैतिक क्षेत्र के अगुआ आगे आयेंगे जिनके प्रति ब्राह्मण ही नहीं अपितु समस्त हिन्दू अगाध आस्था रखते हैं। यही नही इन्हें अन्य धर्मों के अन्युयायी भी भारतीय संस्कृति के अभिन्न भाग के रूप में स्वीकारते है। ब्राह्मणों की सक्रियता हालांकि समूचे ब्रह्माण्ड में मानी जाती है,देश के कई स्थान ब्राह्मणों के लिये खास महत्व रखते हैं
किन्तु आगरा का रुनकता गांव ब्राह्मणों के लिये हमेशा से खास महत्व रखता है. ऋषियों से संबधित समाज में तमाम धारणायें प्रचारित रही है, कई कई स्थान उनके नाम से जाने जाते हैं. जो स्वाभाविक भी है,के कि वे किसी एक स्थान पर न रहकर भ्रमण करते रहते थे । फिलहाल हम रुनकता गांव के मंदिरों के बारे में आग्रह और ध्यान आकर्षित कर रहे हैं, इन प्राचीन आस्था स्थलों में रेणुका और ऋषि जमदग्नि (जगदम्बिका ) का मंदिर मुख्य है.रेणुका जी का मंदिर ही नहीं अपितु पवित्र घाट भी है.इस घाट का पौराणिक महत्व होने के साथ ही यह बृज संस्कृति में भी खास महत्व रखता है। घाट की सीढ़ियों पर द्वापर युग के बृज की सीमा समाप्त मानी जाती है और बृज प्रभाव क्षेत्र शुरू हो जाता है आगरा इसी का भाग है। आगरा वि वि के पूर्व आचार्य एवं मूर्धन्य साहित्यकार श्री चन्दन लाल पाराशर जी ने एक यहां का भ्रमण करने के दौरान जन संशय दूर करने को दृष्टिगत बताया था कि बृज प्रभाव क्षेत्र की तुलना वाइल्ड लाइफ सेंचुरियों के इको सेंस्टिव जोन से करते हुए कहा था कि बृज की सीमा के मथुरा की ओर का भाग जहां बृज का कोर जोन है,वहीं रेणुका घाट के बाद का भाग 'सेंस्टिव जोन ' हम किसी नये शोध या संशयो के समाधान की बात नहीं कर रहे ,प्रचलित मान्यताएं को ही आगे रखकर प्रयास करने के पक्षधर हैं। रेणुका धाम के ऋषि जमदग्नि (जगदम्बिका ) और रेणुका के मंदिर और इनके पास ही स्थित विचित्र वीर हनुमान जी के मंदिर के संदर्भ मे ही बात कर रहे हैं
. इन मंदिरों सहित अन्य की भी अपनी अपनी प्रबंध व्यवस्थाएं हैं, इनके द्वारा धार्मिक परिसरों को अधिक सुविधानक व जन उन्मुखी बनाये जाने के लिए मंदिर प्रबंधन ने कार्य योजनाये भी बना रखी हैं। आगरा का ब्राहमण समाज मानता है कि मंदिर परिसरों के प्रबंधकों ,महंतो ,पुजारियों से इन योजनाओं के बारे में जाना जाये.इनमें से जिनकी उपयोगिता हो तथा क्रियान्वयन संभव हो उन पर कार्य शुरू करवाये जायें.राज्य सरकार का पुरातत्व विभाग यहां के संदर्भ में अध्ययन रिपोर्ट जारी करें। रेणुका घाट जनपद में यमुना नदी का सबसे सुन्दर घाट है, इसका तटीय क्षेत्र खेतों वाला ही न होकर वनक्षेत्र से भी भरपूर है.इस घाट का विरासत संपदा के रूप में संरक्षण कर सौंदर्यीकरण कर इसकी जनोपयोगी बढाई जाये. केवल यही वह स्थान है,जहां पूरी साल यमुना नदी में जलस्तर नौ वाहन के उपयुक्त रहता है, इसकी मूल संरचना में किसी भी प्रकार की छेड छाड न कर घाट को तीर्थ यात्रियों व पर्यटकों के लिये विश्राम स्थल व स्नान घाट बनाया जाये । शनिदेव, परशुराम जी, रेणुका ,हनुमान जी , जमदग्नि (जगदम्बिका ) ऋषि तथा महर्षि परशुराम से संबंधित जानकारियां अंकित पट्टिकाएं भी लगवा दी जायें ।
ग्राम पंचायत को अतिरिक्त धन आवंटित हो जिसका कि गांव में पर्यावरण सुधार करने के लिये उपयोग किया जा सके.वर्तमान में गांव भले ही ग्राम पंचायत हो लेकिन यह शहरी बसावट का सरूप ले चुका है. फलस्वरूप गांव में प्रभावी वटर सप्लाई सिस्टम , नालियों की बड़े पैमाने पर मरम्मत , जल प्रवाहित शौंचालयों के अनुकूल सीवर सिस्टम की जरूरत है.उपरोक्त कार्य स्थानीय ग्राम पंचायत की संस्तुति या सहमति से सरकार जल निगम या ग्रामीण अभियंत्रण सेवाओं के माध्यम से करवाये । आगरा का ब्राह्मण समाज उ प्र शासन से अपेक्षा करता है कि रुनकता गांव को मानक नागरिक सुविधाओं से युक्त बसावट वाला बनाया जाये, गांव के पौराणिक महत्व तथा पवित्र स्थलों की जानकारी जनपद की टूरिज्म संबंधित सूचना पटो और प्रकाशित फोल्डरों में भी हो । शासन से मांग है ,कि रुनकता का तीर्थ स्थल के रूप में विकास बृज क्षेत्र के इस पावन तीर्थ को बृज तीर्थ विकास परिषद की कार्ययोजना में भी शामिल किया जाये.यह स्थान जनपद मथुरा से अवश्य बाहर है लेकिन बृज क्षेत्र का सीमांत होने के बावजूद अभिन्न भाग है।
ब्राह्मण सभा एक शुरुआती स्वयम सेवी प्रयास के रूप में जमदग्नि (जगदम्बिका) ऋषि -रेणुका मंदिर परिसर स्थित हनुमान जी के मंदिर के महंत को पौराणिक एवं धार्मिक साहित्य संबधित पुस्तकें और उन्हें रखने के लिये एक अलमारी भेंट करने की मंशा व्यक्त कर रही है.बाद में इसे अध्ययन स्थल (लाइब्रेरी) के रूप में विकसित करने के लिये अगर मंदिर प्रबंधन अपेक्षा करेगा तो फर्नीचर आदि भी उपलब्ध करवा देगी। फिलहाल उ प्र शासन तथा सेवाभावी महानुभावों से अपेक्षा है कि रुनकता के धर्म स्थलों को उनकी पौराणिक प्रष्ट भूमि के संदर्भ में आधुनिक सुविधाओं से संपन्न बनाने के लिये योगदान को आगे आयें और शासन से अनुरोध है कि गांव को धार्मिक महत्व का मान पर्यटन(तीर्थ स्थल उपयुक्त) सुविधाओं से संपन्न करे। प्रेस वार्ता में सर्वश्री डॉ मधु भारद्वाज, डॉ महेश शर्मा,श्री भुवनेश श्रोतिया , श्री रमेश पंडित, डॉ पंकज नागायीच, श्री प्रकाश शर्मा, श्री अनिल सारस्वत,श्री नरेद्र कुमार रावत,अनिल शर्मा. आदि उपस्थित थे. प्रेस वार्ता में सम्मानित आब्जर्वर रहे। एनजीओ दर्पण न्यूज़ आगरा , उत्तरप्रदेश से पत्रकार अमीन अहमद की रिर्पोट
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