लेखक: ज़मीर आलम मुल्तानी
राष्ट्रीय पत्रिका: एनजीओ दर्पण
प्राकृतिक आपदाएँ जब भी आती हैं, तो इंसान की असली ताक़त—इंसानियत और एकजुटता—की परीक्षा लेती हैं। इस समय पंजाब के कई इलाक़े भयंकर बाढ़ की चपेट में हैं। हजारों परिवार उजड़ चुके हैं, कई घर मलबे में तब्दील हो गए हैं, बच्चे भूख से तड़प रहे हैं और बुजुर्ग दवा के इंतज़ार में हैं।
ऐसे कठिन वक़्त में नागौर (राजस्थान) की सामाजिक संस्था खिदमत-ए-खल्क युवा विकास समिति ने इंसानियत के नाम पर एक मजबूत पहल की है। संस्था ने आम जनता से अपील की है कि बाढ़ पीड़ित भाइयों-बहनों की मदद के लिए आगे आएं और अपना फ़र्ज़ अदा करें।
मदद कैसे करें?
संस्था की अपील है कि आप अपनी क्षमता अनुसार योगदान करें। आपकी छोटी सी मदद किसी के लिए ज़िंदगी की बड़ी राहत बन सकती है:
👉 भोजन सामग्री
👉 कपड़े
👉 ज़रूरी दवाइयाँ
👉 आर्थिक मदद
संस्था ने यह भी कहा है कि—
"किसी की मुश्किल आसान करना ही सबसे बड़ा इबादत है।"
क्यों ज़रूरी है आपकी मदद?
- बाढ़ पीड़ित परिवारों को तात्कालिक राहत चाहिए।
- बच्चे कुपोषण और भूख का सामना कर रहे हैं।
- बेघर लोग बारिश और ठंड में खुले आसमान के नीचे हैं।
- दवा और इलाज की कमी से बीमारियों का ख़तरा बढ़ रहा है।
कैसे जुड़ें?
संस्था ने अपने पोस्ट पर ऑनलाइन योगदान के लिए QR Code साझा किया है। आप डिजिटल माध्यम से सीधे मदद भेज सकते हैं और राहत कार्य का हिस्सा बन सकते हैं।
📢 यह सिर्फ़ दान नहीं, बल्कि इंसानियत की सेवा है।
✍️ खास रिपोर्ट: ज़मीर आलम मुल्तानी
📍 नागौर, राजस्थान
राष्ट्रीय पत्रिका – "एनजीओ दर्पण"
🌐 www.ngodarpangov.org.in
📧 ngodarpanbharat@gmail.com
📞 8010884848
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