आज का दिन उन सभी प्रयासों की मिसाल बना, जो महिलाओं के सुरक्षित स्वास्थ्य और गरिमामयी जीवन की दिशा में समर्पित हैं। उन्नाव ज़िले के मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय में प्रसार संस्था और सांझा प्रयास नेटवर्क के संयुक्त तत्वावधान में "सुरक्षित गर्भ समापन एवं गर्भ निरोध सेवाएं" विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।
कार्यशाला की शुरुआत दीप प्रज्ज्वलन से हुई, जिसमें प्रमुख रूप से मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सत्य प्रकाश (उन्नाव), एसीएमओ डॉ. नरेंद्र सिंह, प्रसार संस्था से शिशुपाल जी, श्रृष्टि सामाजिक संस्था से के.डी. तिवारी, उड़ान सेवा से उषा तिवारी, अन्नपूर्णा सोसाइटी से मीनू त्रिपाठी, और साहस संस्था से राहुल कुमार शामिल रहे।
इस अवसर पर प्रसार संस्था के सचिव शिशुपाल जी ने सभी आगंतुकों का स्वागत करते हुए जोर दिया कि सरकार और सिविल सोसाइटी दोनों को साथ मिलकर अनचाहे गर्भ और असुरक्षित गर्भपात की सामाजिक समस्या को हल करना होगा। उन्होंने MTP (मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेगनेंसी) एक्ट 2021 के पाँच प्रमुख संशोधनों को सरल भाषा में समझाया, जिनमें गर्भपात की समयसीमा, गोपनीयता, मेडिकल बोर्ड की भूमिका, और अविवाहित महिलाओं के अधिकार शामिल थे।
कार्यशाला में सीएमओ डॉ. सत्य प्रकाश ने बेहद महत्वपूर्ण जानकारी साझा करते हुए बताया कि देश में प्रतिदिन 13 महिलाओं की मृत्यु असुरक्षित गर्भपात के कारण होती है। उन्होंने स्पष्ट किया कि मातृ मृत्यु दर को कम करने के लिए समय पर और सुरक्षित गर्भपात सेवाओं तक महिलाओं की पहुँच सुनिश्चित करना अत्यावश्यक है।
एसीएमओ डॉ. नरेंद्र सिंह ने तकनीकी दृष्टिकोण से गर्भपात की प्रक्रिया को समझाते हुए बताया कि यदि गर्भ 9 सप्ताह तक है, तो दवाइयों से और यदि 20 से 24 सप्ताह तक है तो संशोधित कानून के तहत प्रशिक्षित डॉक्टरों की सलाह से गर्भपात कराया जा सकता है। उन्होंने यह भी चेताया कि बार-बार गर्भ समापन महिलाओं में कुपोषण और कमजोरी का एक बड़ा कारण बनता जा रहा है।
PCPNDT जिला समन्वयक श्री सोमनाथ जी ने बताया कि गर्भपात महिला का कठिन लेकिन संवेदनशील निर्णय हो सकता है, और उसके परिवार का सहयोग एवं सही जानकारी इस प्रक्रिया को सुरक्षित बना सकता है।
कार्यक्रम में यूनिसेफ से दिलशाद, साझा प्रयास की सलाहकार मंजू लता दुबे, वाटर एड से सलेन्द्र सिंह, कर्म क्रांति से चेतन मिश्रा, साहस से राहुल कुमार, और जनपद की 18 से अधिक स्वैच्छिक संस्थाओं के प्रतिनिधि व स्वास्थ्य अधिकारीगण उपस्थित रहे।
इस समवेत प्रयास ने एक बार फिर यह साबित किया कि जब सरकारी तंत्र, नागरिक समाज और मीडिया एकजुट होकर किसी सामाजिक विषय पर काम करते हैं, तो बदलाव निश्चित है।
अंत में मंजू लता दुबे ने कार्यक्रम का आभार व्यक्त किया और सभी प्रतिभागियों से अपने-अपने क्षेत्र में इस जानकारी को आगे फैलाने की अपील की।
📌 रिपोर्ट: ज़मीर आलम
📞 मोबाइल: 9528680561
✍️ NGO दर्पण
📍 उन्नाव, उत्तर प्रदेश
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