साथियों भारत की पृष्ठ भूमि वीरता और शहीदों के बलिदान से रंगी हुई है , जैसे कि (सर्वंशदानी श्री गुरु गोबिंद सिंघ जी) ,वीर शिवाजी , राणा प्रताप , रानी लक्ष्मी बाई, अहिल्या बाई , चंद्रशेखर आजाद , सरदार भगत सिंघ , अशफाक उल्ला खां, सरदार ऊधम सिंघ ,आदि क्रांतिकारी हो , भारत देश का इनकी वीरता से इतिहास बना, हाल ही में आजादी के महानायक सरदार भगत सिंघ जिनके नाम से अंग्रेज कांप उठते थे , और एक गांधी इस नाम से उन पर कोई फर्क नहीं पड़ता था वह अपना हमदर्द समझते थे , कितना बड़ा भेदभाव सरदार भगत सिंघ जी की जयंती पर सरकार ,की ओर से कोई कार्यक्रम नहीं यहां तक कि किसी बड़े राजनेता की ओर से कोई दो शब्द शहीद की जयंती पर नहीं बोले , हम प्रशासन को दोस नहीं दे सकते प्रशासन हमेशा जो सरकार होती है उसके दिशानिर्देशों का पालन करता है 2 अक्टूबर गांधी जयंती पर शासन प्रशासन ने एक स्पेशल तरीके से सरकारी दफ्तरों और कालेजों में मनाया गया और स्कूलों मै बच्चों को गांधी की जीवनी को पढ़ाया गया और सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए क्या पूर्व की सरकारें जो क्रांतिकारियों के साथ दुर्व्यवहार करती अाई वर्तमान सरकार भी उसी राह पर चल पड़ी है , सरदार भगत सिंघ ने आखरी दम तक हार नहीं मानी और हंसते हंसते देश की खातिर फांसी के फंदे को चूमा , उसकी जयंती पर कोई सरकार की ओर से न किसी सरकारी दफ्तर , व शिक्षण संस्थानों में न कोई सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत हुए जबकि दोनों की जयंतियों में चार से पांच दिन के अंतराल में ही आती हैं , गांधी जयंती आते ही सरकार की ओर से एक महीने पहले से तैयारियां होने लगती है , और चाहे किसी क्रांतिकारी की जयंती हो उसके साथ सरकार की भूमिका एक निंदनीय रहती है
आखिर वो कब घड़ी आएगी जब देश में इनको सम्मान मिलेगा , और इनकी जयंतियों पर सरकारी दफ्तरो , शिक्षण संस्थानों में सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे और आने वाली युवा पीढ़ी को इनकी जीवनी पढ़ाई जाएगी ,
जिस से देश के हर युवा के अंदर देश भक्ति पर मर मिटने का जज्बा और रोम रोम में वीरता झलक दिखाई देगी ,
देश वासियों को जागना होगा और स्कूलों में पढ़ाए जाने वाले कार्यरता के बनावटी इतिहास का , पुर जोर विरोध करना होगा अगर वास्तविक आप अपने बच्चों को वीर और बहादुर बनाना चाहते हैं , तो , सरदार भगत सिंघ , चंद्रशेखर आजाद, मंगल पांडे , अशफाक उल्ला खां और सरदार ऊधम सिंघ जैसे वीर योद्धा का इतिहास बताना होगा जिसने 21 बरस बाद देश के दुश्मन को भारत से जाकर उसकी विदेशी सरजमी लंदन में जाकर मौत के घाट उतार , कायरता के इतिहास पर अधिक भारी है , वीरों का इतिहास , अगर अपने बच्चों को , चापलूसी , छल कपट , डरना , झुकना और कायर बनाना है तो बेशक, गांधी इतिहास पढ़ाओ
कुछ इतिहास के , पन्ने मेरे मुल्क के सीने में शमसीर हो गए, जो लड़े, जो मरे वो शहीद हो गए , जो डरे ,जो झुके वो वजीर हो गए,
हर देश वासी से हमारा अनुरोध है , क्रांतिकारियों के सम्मान के लिए आवाज बनो , जो बिना सोचे समझे ,देश व देश वासियों की खातिर अपना सब कुछ कुर्बान कर कर गए , और आज एक ओर हम है , जाति मजहब में उलझ कर हम अपने ही देश के अनमोल रत्नों को भूल गए , एक पल के लिए अपने जमीर से पूछो क्या जिस राह पर चल रहे हैं , हमें उस राह पर चलना चाहिए , नहीं , अगर जी ऐसा सोच कर चलते हैं वह मनुष्य , मानव श्रेणी में नहीं फिर वह पशु श्रेणी में आते है
5 वर्ष से निरंतर देश में अपने क्रांतिकारियों को सम्मान दिलाने का बीड़ा उठाया है , क्रांतिकारी संगठन, आप और हम राष्ट्रीय भ्रष्टाचार अपराध मुक्ति संगठन , जय हिन्द इंकलाब जिंदाबाद
क्रांतिकारी वीर अमर रहें
साम्राज्यवाद मुर्दाबाद
बी एस बेदी राष्ट्रीय अध्यक्ष
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