Saturday, July 18, 2020

सरकार /संसद ,क्रांतिकारियों को जब शहीद मानती है तो शहीद का दर्जा देने में पीछे क्यों हटती है

 साथियों
भारत देश को गुलामी की बेड़ियों से मुक्त कराने के लिए भारत मां के वीर सपूतों ने आजादी की खातिर अपने प्राणों  का बलिदान दे दिया , हालत ज्यों के त्यों, क्रांतिकारियों की पारदर्शिता सोच थी देश को मजबूत स्तंभों पर खड़ा करना , सपनों का भारत आजाद , आर्थिक रूप से संपन्न , सामाजिक समरसता, बौद्धिक संपन्नता , जाति धर्म भेदभाव रहित , सर्व संपदा संपन्न , स्वच्छ राजनीति , व भ्रष्टाचार, अपराध ,मुक्त समाज करके, भारत ,देश को दुनिया में सबसे विकसित रूप में स्थापित करना ऐसी सोच के थे भारत मां के वीर सपूत आजादी से आज तक सरकारें 10% भी उनकी सोच को  आगे लेकर कार्य करें तो देश का उद्धार हो जायेगा , देश को आजादी मिले 7 दशक बीत गए  ,अफसोस आज तक हम अपने शहीद क्रांतिकारियों को शहीद का दर्जा ना दिला सके  देश की सरकारों से   बेचारे क्रांतिकारियों के वंशज आज भी देश की सर्वोच्च संसद और राजनेताओं की चौखट पर  शहीद का दर्जा देने की गुहार सरकार से और देश के नेताओं से लगा रहे हैं , और अनेक सामाजिक संगठनों  भी आवाज उठाकर हार कर बैठ गए  मगर आज तक किसी सरकार के कानों पर जूं तक नहीं रेंगी  , देशवासियों की बदौलत वह शहीद माने जाते हैं और जिंदा है    , सरकार , संसद, राज्य सभा  आज भी शहीद मानती हैं यह आरटीआई में खुलासा हुआ है   यह बड़ा गंभीर विषय है जब सरकारें शहीद मानती हैं तो दस्तावेजों में शहीद की उपाधि देने में क्यों पीछे हटती हैं  इससे यह स्पष्ट पता चलता है कि सरकारों की क्रांतिकारियों के प्रति घोर उदासीनता रही है और है    , क्योंकि राजनेताओं को इनसे  चुनावी लाभ नहीं होता यही कारण है सरकार इनकी ओर ध्यान नहीं देती ,  गांधी , नेहरू के समय से ही  सरकारों की क्रांतिकारियों के प्रति  कथनी करनी में  अंतर रहा है  , वर्तमान सरकार से काफी उम्मीद जागी थी , अब उम्मीदों का सफर भी खत्म हो चुका ,  अब तो बचपन की कहानी सी लगती हैं चंदा मामा की ,  हाल ही में 17 जुलाई 2020 , को देश के रक्षा मंत्री माननीय राजनाथ जी ने भी श्रीनगर में  जवान सैनिकों को संबोधित करते हुए  यह माना  भारत को आजादी मिली है तो   राष्ट्रीय स्वाभिमान से मिली है और सबसे पहले क्रांतिकारियों का नाम लेते हुए कहा था चाहे चंद्र शेखर आजाद , सरदार भगत सिंह, अशफाक उल्ला खान, आदि ने देश की खातिर बलिदान दिया और हंसते-हंसते फांसी के फंदे को चूमा   , अफसोस होता है जब देश के माननीय भाषण में क्रांतिकारियों की कुर्बानी का बयान करते हैं  मगर अमल नहीं करते ,  वास्तविक  इनको क्रांतिकारियों के बलिदान की  चिंता व जरा भी उनके प्रति सम्मान है तो सरकार से शहीद  का भारत दर्जा भारत सरकार से दिलाएं  और सरदार भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव, सुभाष चंद्र बोस, शेखर आजाद, अशफाक उल्ला ख़ां, सरदार उधम सिंह सरदार करतार सिंह सराभा जिन्हें भगत सिंह आदर्श गुरु मानते थे , राम प्रसाद बिस्मिल, ठाकुर रोशन सिंह, मंगल पांडे आदि को भारत रत्न का दर्जा देकर सच्ची श्रद्धांजलि के पुष्प अर्पित करें
इन के सम्मान में यह मांग निरंतर 5 वर्षों से, आप और हम राष्ट्रीय भ्रष्टाचार अपराध मुक्त संगठन मुहिम चला कर युवाओं में जन चेतना ला कर सम्मान दिलाने की मांग भारत सरकार से कर रहा है और स्कूल पाठ्यक्रम इनकी जीवनी /बलिदान  ,  न्यायालय सरकारी दफ्तर कॉलेज में इनकी फोटो, इनके नाम पर देश में सार्वजनिक स्थल व   यातायात आदि स्थलों  को इनके नाम से जाना जाए   क्योंकि असली भारत के विधाता ए ही हैं यह मांग भारत सरकार से निरंतर जारी है
आओ ,मिलकर एक होकर, बिना स्वार्थ, भेदभाव रहित होकर, आवाज उठा कर इन के सम्मान में एक नई क्रांति लाएं , और भारत मां के वीर अमर सपूतों को शहीद का दर्जा और  उनका अधिकार हक भारत रत्न से सम्मान दिल कर सच्ची श्रद्धांजलि के पुष्प अर्पित करें   ।
,जो क्रांतिकारियों का नहीं, वह हमारा और देश का नहीं  🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🌹🌹🌹🌹🌹🌹🇮🇳🇮🇳🇮🇳🌹👏👏👏👏👏👏 कोटि कोटि नमन महान भारत मां के वीर सपूतों को
🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳। जय हिन्द जय भारत।  इन्कलाब जिंदाबाद
बी एस बेदी राष्ट्रीय अध्यक्ष आप और हम राष्ट्रीय भ्रष्टाचार अपराध मुक्ति संगठन

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