Sunday, May 22, 2022

जिला जज कानपुर नगर ने सुभाष चिल्ड्रेन होम प्रकरण का लिया संज्ञान, निदेशक महिला कल्याण लखनऊ, जिला प्रोबेशन अधिकारी कानपुर नगर व अध्यक्ष/सदस्य बाल कल्याण समिति कानपुर नगर को जारी हुए नोटिस


कानपुर 22 मई। चोरी करने वाले गैंग को बच्चा सुपुर्द न करने व जिला प्रोबेशन अधिकारी कानपुर देहात को अपेक्षित घूस न मिलने के कारण सुभाष चिल्ड्रेन सोसाइटी द्वारा संचालित बाल गृह (शिशु) एवं विशेषज्ञ दत्तक ग्रहण अभिकरण का पंजीकरण व मान्यता निरस्त करने के दिए निर्देश निदेशक महिला कल्याण लखनऊ उ0प्र0 के पत्रांक सं0 54/ निदे0म0क0 / प्रोबे0 / स्वै0सं0 / द0ग्र0/2022-23 दिनांक 05 मई 2022 के माध्यम से दिए गए थे जिस क्रम में बाल कल्याण समिति कानपुर नगर द्वारा सुभाष चिल्ड्रेन होम व विशेष दत्तक ग्रहण इकाई के बच्चों को आगरा स्थानातरित करने का आदेश दिनांक 15 मई 2022 को किया गया था जिसके साथ ही दनांक 19 मई 2022 को रात्रि 9ः30 बजे बाल कल्याण समिति कानपुर नगर द्वारा ई-मेल के माध्यम से अवगत कराने के पश्चात दिनांक 20 मई 2022 को ही कुछ घंटों में सुभाष चिल्ड्रेन होम (शिशु) व विशेष दत्तक ग्रहण इकाई 19 राजीव विहार नौबस्ता कानपुर नगर के 42 बच्चों को राजकीय बाल गृह (शिशु) प्राग नारायण रोड लखनऊ व लीलावती मुंशी निराश्रित बाल गृह (शिशु) मोती नगर लखनऊ में स्थानतरित कर दिया गया*जिसको संज्ञान में लेकर निदेशक महिला कल्याण लखनऊ, जिला प्रोबेशन अधिकारी कानपुर नगर व अध्यक्ष/सदस्य बाल कल्याण समिति कानपुर नगर को नोटिस जारी किए गए है।*संस्था के *एडवोकेट उमाकान्त शर्मा* ने बताया कि बाल कल्याण समिति कानपुर नगर के  आदेश के विरूद्व अपील की गई थी जिसमें बाल कल्याण समिति कानपुर नगर द्वारा जारी किए गए आदेश में उन्ही सदस्यों के हस्ताक्षर है जिनकी संस्था द्वारा पूर्व में उच्च अधिकारियों से शिकायत की जा चुकी है।  साथ ही सुभाष चिल्ड्रेन सोसाइटी द्वारा संचालित बाल गृह (शिशु) एवं विशेषज्ञ दत्तक ग्रहण अभिकरण का पंजीकरण व मान्यता निरस्त करने में निम्न कृत्य किए गए:-

निदेशक महिला कल्याण लखनऊ उ0प्र0 द्वारा अपनाए गए कृत्य 

भ्रष्टाचारी जिला प्रोबेशन अधिकारी कानपुर नगर, कानपुर देहात द्वारा उच्च अधिकारियों को भ्रमित कर स्वैच्छिक संगठन सुभाष चिल्ड्रेन सोसाइटी कानपुर नगर द्वारा संचालित बाल गृह (शिशु) एवं विशेषज्ञ दत्तक ग्रहण अभिकरण की मनगणंत रिपोर्ट उच्च अधिकरियों के माध्यम से निदेशालय महिला कल्याण जवाहर भवन लखनऊ को भेजी गई जिस क्रम में निदेशक महिला कल्याण लखनऊ उ0प्र0 द्वारा भ्रष्टाचारी *जिला प्रोबेशन अधिकारी  कानपुर नगर, कानपुर देहात को बचाने के लिए संस्था द्वारा संचालित बाल गृह (शिशु) एवं विशेषज्ञ दत्तक ग्रहण अभिकरण का पंजीकरण व मान्यता निरस्त कर दी* जो कि बाल हित में न्यायोचित नही है 

*साथ ही कानपुर नगर में 10 वर्ष तक के बच्चों को आश्रय प्रदान करने के लिए कोई भी शिशु गृह नही है जो कि बाल हितों का हनन है और इनके द्वारा कोई भी वैकल्पिक व्यवस्था नही की गई।*

*जिला प्रोबेशन अधिकारी कानपुर देहात अभिषेक पाण्डेय द्वारा अपनाए गए कृत्य*

जिला प्रोबेशन अधिकारी कानपुर देहात अभिषेक पाण्डेय देवरिया कांड मंें लिप्त होने के कारण ससपेन्ड होने पर कानपुर देहात में इनकी पहली नियुक्ति है। 

जिला प्रोबेशन अधिकारी कानपुर देहात अभिषेक पाण्डेय एवं बाल कल्याण समिति कानपुर देहात द्वारा चोरी करने वाले गैंग को बच्चा सौंपने का आदेश न मानने पर मनगणंत रिपोर्ट निदेशालय महिला कल्याण निदेशालय को भेजी गई है और एफ0आई0आर0 भी कराई गई थी जबकि उक्त प्रकरण वर्तमान किशोर न्याय अधिनियम 101 के तहत फौजदारी वाद क्रमांक फौजदारी वाद क्रमांक 16/2022 जिसका जज कानपुर देहात द्वारा अपील सुनवाई कर ली गई है जो कि ए0डी0जे0 13 कानपुर देहात की अगली तारीख 26.05.2022 है।  

चोरी के गैंग में लिप्त बालक को उसके तथाकथित परिजनों के सुपुर्द करने के लिए दवाब बनाने के मामले में मा0 जिलाधिकारी कानपुर देहात को मजिस्ट्रेट जांच कराने का आग्रह किया गया था जिस क्रम में उपरोक्त प्रकरण में इनके द्वारा अपनी जांच जिलाधिकारी कानपुर देहात को गंुमराह कर खुद ही ले ली गई जो कि लोक सेवक के कानून का उल्लंघन है और मनगणंत रिपोर्ट जिलाधिकारी कानपुर देहात को प्रस्तुत की गई।

जिलाधिकारी कानपुर देहात के चाइल्डलाइन की सेवा शुरू करने के लिए जिला प्रोबेशन अधिकारी अभिषेक पाण्डेय द्वारा एन0ओ0सी0 जिलाधिकारी कानपुर देहात से दिलाने के लिए 02 लाख ़़़़़़़़़़रू की मांग की गई और न देने पर तत्कालीन जिलाधिकारी कानपुर देहात को भ्रमित कर संस्था के कानपुर देहात में कार्य न करने का कारण दर्शा कर कानपुर नगर से आख्या मांगे जाने की पत्रावली चला दी जबकि संस्था कानपुर देहात में सक्रिय थी और निम्न परियोजनाएं एवं कार्य्रकम को संचालित कर रही थी:- 

   (क) बेसिक शिक्षा विभाग कानपुर देहात के मध्यान्ह भोजन परियोजना में ब्लाक झींझक व संडलपुर में कार्य कर रही थी और प्राथमिक व उच्च प्राथमिक क्षेत्र के बच्चों को 12000 से अधिक बच्चों को मासिक मध्यान्ह भोजन वितरण कर रही थी। 

    (ख). लगभग 03 लाख का धनराशि का सामुदायिक अंशदान कर अकबरपुर में पुरानी 

        तहसील का निर्माण कराया।  जिसके साथ ही कानपुर देहात में स्वच्छता एवं 

        सामुदायिक जागरूकता कार्य्रकम आयोजित किए गए । 

बाल कल्याण समिति कानपुर देहात के अध्यक्ष/सदस्य के षडयंत्र के तहत बालक करन (चोरी करने वाले गैंग का बच्चा) को शिशु गृह कानपुर देहात में आश्रय प्रदान के लिए आदेशित करने के बजाय सुभाष चिल्ड्रेन होम कानपुर नगर में आश्रय प्रदान करने के लिए आदेशित किया जिससे कानपुर देहात में शिशु गृह प्रारम्भ हो सके।

0 से 10  वर्षो  के लिए अनाथ एवं जरूरतमंद बच्चों के लिए संचालित शिशु गह पुखरायंा के स्थान परिवर्तन के लिए कार्यालय की रिपोर्ट निदेशक महिला कल्याण निदेशालय जवाहर भवन लखनऊ की रिपोर्ट के लिए 50 हजार रू की मांग की गई ।

जिला प्रोबेशन अधिकारी कानपुर देहात अभिषेक पाण्डेय द्वारा चाइल्डलाइन कानपुर देहात एंव शिशु गृह रनियां के सुगम संचालन हो उसके लिए 25000 रू प्रति माह एंव बाल कल्याण समिति कानपुर देहात के लिए 40,000 रू प्रति माह (प्रति सदस्य 10,000 रू प्रति माह) की मांग की जा रही है जिसके साथ उनके द्वारा जब तक नही देंगे तब तक परेशान होते रहेगे की बात भी कही गई।  (फोन पर घूस मांगने के संकेत की रिकार्डिंग संस्था के पास उपलब्ध है जो कि आवश्यक्ता पडने पर उपलब्ध करा दी जाएगी

जिला प्रोबेशन अधिकारी कानपुर नगर द्वारा किए गए कृत्य 

संस्था के 03 प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन होने पर न्यायालय अवमान अधिनियम 1971 की धारा 2 (2), 2 (3) में यह निम्न विधि व्यवस्था है:-

       न्यायालय अवमान अधिनियम 1971 की धारा 2 (2), में उल्लेखित है कि जो किसी न्यायिक कार्यवाही के सम्यक अनुक्रम पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है यह उसमें हस्तक्षेप करता है या जिसकी प्रर्वत्ति उसमें हस्तक्षेप करने की है अथवा न्यायालय अवमान अधिनियम 1971 की धारा 2 (3) में उल्लेखित है कि जो न्याय प्रशासन में किसी अन्य रीति से हस्तक्षेप करता है या जिसकी प्रर्वत्ति उसमें हस्तक्षेप करने की है अथवा जो उसमें बाधा डालता है या जिसकी प्रर्वत्ति उसमें बाधा डालने की है न्यायालय अवमान अधिनियम के अंर्तगत आता है। 

जिला प्रोबेशन अधिकारी व बाल कल्याण समिति कानपुर नगर को संस्था के उपरोक्त 03 प्रकरण न्यायालय कानपुर नगर में विचाराधीन होने के बारे में दिनंाक 13 मई 2022 को पत्रांक सं0 3514/सु0चि0सो0/2022-23 के माध्यम से अवगत कराया जा चुका है। 

जिला प्रोबेशन अधिकारी व बाल कल्याण समिति कानपुर नगर को एडवोकेट हाई कोर्ट द्वारा सेक्शन 80 सी0पी0सी0 के तहत उच्च न्यायालय में उपरोक्त प्रकरण विचाराधीन होने पर कोई भी कार्यवाही न करने के लिए दिनांक 19 मई 2022 को ई-मेल, वाट्सएप व स्पीड -पोस्ट के माध्यम से नोटिस भेजा गया था। 

वित्तीय वर्ष 2019-20 तथा वित्तीय वर्ष 2020-21 की सोशल आडिट रिपोर्ट जिला प्रोबेशन अधिकारी कानपुर नगर द्वारा सुभाष चिल्ड्रेन सोसाइटी की अभी तक भेजी नही गई जिससे संस्था को 03 वर्षो से अधिक समय से भुगतान प्राप्त नही हुआ है। 

जिला प्रोबेशन अधिकारी कानपुर नगर के स्तर से ओपन शेल्टर होम, रेलवे स्टेशन पर रहने वाले बच्चों के लिए प्रस्ताव प्राप्त होने के बाद भी लंबित है चूंकि उसके पीछे कारण उनको अपेक्षित घूस नही मिली है। 

हिन्दुस्तान अखबार दिनांक 10.05.2022 में प्रकाशित खबर श्आशा ज्योति केन्द्र मेे महिला ने फांसी लगाईश् जिसमें स्वरूप नगर स्थित आशा ज्योति केन्द्र मेे एक महिला ने फांसी लगा ली और विभागीय कर्मचारियों की लापरवाही के कारण महिला की मौत हो गई।

आशा ज्योति केन्द्र स्वरूप नगर में लगातार विभिन्न प्रकार की अनियमिताएं होती रहती है जिसमें जिला प्रोबेशन अधिकारी कानपुर नगर की सांठ -गांठ रहती है । 

जिसके साथ ही आशा ज्योति केन्द्र स्वरूप नगर कानपुर नगर के लिए मिलने वाले सरकारी बजट को कागजों में दिखाकर खत्म कर दिया जाता और लाभार्थी को उसका लाभ नही मिल पाता है। जबकि आशा ज्योति केन्द्र के पास पर्याप्त स्टाफ उपलब्ध रहता है। जिससे सरकार की महिलाओं की सुरक्षा की मंशा विफल हो रही है। 

आशा ज्योति केन्द्र स्वरूप नगर को पिछले 05 वर्षो में प्रदान किए गए बजट ,उनके द्वारा किए गए कार्यो व महिला द्वारा लगाई गई फांसी की जांच निष्पक्ष तरीके से कराने के लिए किसी उच्च अधिकारी/मजिस्ट्रेट / जिला जज से कराने के लिए सम्बन्धित को निर्देशित करने का अनुरोध भारतीय उपभोक्ता जागरूकता एवं भ्रष्टाचार उन्मूलन संगठन आपसे करता है। 

कानपुर नगर में चल रहे प्रगति सेवा संस्थान द्वारा संचालित महिला आश्रय गृह की जिला प्रोबेशन अधिकारी कानपुर नगर द्वारा सोशल आडिट न भेजने जैसी नाकामियों के कारण    04 वर्षो से अनुदान न मिलने के कारण उनको संस्था बंद करनी पडी।

जिला प्रोबेशन अधिकारी कानपुर नगर द्वारा सुभाष चिल्ड्रेन होम जो कि बिना किसी सरकारी सहायता के विगत 15 वर्षो से संचालित किया जा रहा था जिसको अनुदान दिलाने के लिए जांच मा0 मुख्यमंत्री कार्यालय से दी गई थी उनके द्वारा अपेक्षित घूस न मिलने के कारण फाइल को दबा कर रख लिया गएा जिसके साथ ही आपको अवगत करा दें कि 15 वर्षो में सुभाष चिल्ड्रेन होम को 15 पैसे का भी अनुदान प्राप्त नही हुआ है व विगत 03 वर्षो से जिला प्रोबेशन अधिकारी कानपुर नगर की नाकामी के कारण सुभाष चिल्ड्रेन विशेष दत्तक ग्रहण इकाई का 03 पैसे का भी अनुदान प्राप्त नही हुआ है।

जिला प्रोबेशन अधिकारी उन्नाव द्वारा सुभाष चिल्ड्रेन सोसाइटी के विरूद्व साजिश करने के प्रकरण निम्न है:-

बालक शिवशंकर उर्फ वैभव को अवैध रूप से गोद देने व खरीद फरोख्त करने के सम्बन्ध में जिला प्रोबेशन अधिकारी उन्नाव द्वारा संबंधित थाने में एफ0आई0आर0 भी नही कराई गई जिससे स्पष्ट होता है कि उनके द्वारा गैर -कानूनी गोद को बढावा दिया जा रहा है और बच्चों की सुरक्षा के लिए सजग सरकार की मंशा को विफल किया जा रहा है।

संस्थाध्यक्ष कमलकान्त तिवारी ने बताया कि निदेशालय महिला लखनऊ द्वारा संस्था द्वारा संचालित बाल गृह (शिशु) एवं विशेषज्ञ दत्तक ग्रहण अभिकरण का पंजीकरण व मान्यता निरस्त करने के लिए दिए गए पत्र के आधार पर संस्था द्वारा अपना स्पष्टिकरण प्रस्तुत  किया गया था लेकिन संस्था को अभी तक उनकी तरफ से कोई जवाब प्राप्त नही हुआ है। जिसके साथ ही बाल कल्याण समिति द्वारा पत्रांक सं0 सी0989/बा.क.स. कानपुर/स्थाना.कार्य/2022-23 दिनांक 15.05.2022 के माध्यम से बच्चों को स्थानतरित करने के आदेश के विरूद्व किशोर न्याय अधिनियम (बालको की देखरेख एवं सरंक्षण) अधिनियम 2015 की धारा 101 के तहत अपील की गई थी जिसके तहत न्यायालय श्रीमान् जिला एवं सत्र न्यायाधीश कानपुर नगर द्वारा निदेशक महिला कल्याण लखनऊ उ0प्र0, जिला प्रोबेशन अधिकारी कानपुर नगर व बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष/ सदस्यगणों को नोटिस भेजा गया है । 

साथ ही उन्होने बताया कि विधी का उल्लंघन करने, न्यायालय की अवमानना करने वाले जिला प्रोबेशन अधिकारी कानपुर नगर, कानपुर देहात व उन्नाव के खिलाफ यथोचित कार्यवाही करने व संस्था बाल हितों को देखते हुए संस्था की उच्च स्तरीय जांच महिला कल्याण निदेशालय को छोडकर किसी अन्य विभाग से उच्च स्तरीय जांच कराने के लिए अनुरोध किया जाएगा। कमलकान्त तिवारी, अध्यक्ष (एडवेकेट) सुभाष चिल्ड्रेन सोसाइटी

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