Wednesday, September 15, 2021

घोषणा मानदेय वृद्धि की और शासनादेश प्रोत्साहन राशि का आंगनबाड़ियों के साथ बड़ा धोखा-- बबीता चौधरी


2017 के विधानसभा चुनाव से पूर्व बीजेपी ने अपने घोषणा पत्र में आंगनबाड़ियों को सम्मानजनक मानदेय देने की बात की थी अब  प्रोत्साहन  राशि का शासनादेश क्या यह सम्मानजनक मानदेय बीजेपी को केवल वोट की भाषा समझ में आती है पर हमें सभी राजनीतिक पार्टियों ने दिया धोखा प्रोत्साहन राशि के शासनादेश से विभाग में बढ़ेगा भ्रष्टाचारसभी आंगनवाड़ी बहनों को एकजुट रहने की आवश्यकता उत्तर प्रदेश आंगनबाड़ी कर्मचारी संघ की प्रदेश महामंत्री बबीता चौधरी में कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा मानदेय वृद्धि की घोषणा की गई थी

और शासनादेश प्रोत्साहन राशि का आंगनबाड़ियों के साथ एक बड़ा धोखा किया गया है उन्होंने कहा कि हमने पिछले वर्ष भी जब भरोसा राशि का जिक्र आया था तब भी आपत्ति उठाई थी इस प्रोत्साहन राशि से आंगनवाड़ी का भला होने वाला नहीं है इससे केवल विभाग में भ्रष्टाचार बढ़ेगा दुर्भाग्य की बात यह है कि करोना काल हो या कोई अन्य काल हर काल में हर विभाग का काम आंगनवाड़ी वर्कर से लिया जाता है लेकिन जब उन्हें कुछ देने की बात आती है तो सरकारी महा कंजूस हो जाते इतना भी नहीं देती कि वह कम से कम अपने घर परिवार और बच्चों का खर्चा उठा सकें या मनरेगा मजदूर भी ₹200 प्रतिदिन ले रहा है ऐसे में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सहायिका मिनी आंगनवाड़ी के मानदेय के विषय में लिखते हुए या बोलते हुए भी आज शर्म महसूस होती है 

आंगनबाड़ियों को अपने कार्य के साथ-साथ आंगनवाड़ी केंद्रों का चार्ज मिला हुआ है और उसका कोई एक पैसा नहीं होता लेकिन फिर भी खुशी-खुशी आंगनवाड़ी अपना कार्य कर रही है और साथ ही अन्य विभागों का भी लेकिन प्रदेश सरकार द्वारा इस तरह का मजाक आंगनबाड़ियों के साथ बड़ा धोखा है जबकि वर्तमान सरकार ने 2017 में चुनाव से पूर्व अपने घोषणा पत्र में आंगनबाड़ियों को सम्मानजनक मानदेय देने की बात कही थी और प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य द्वारा हमारे संगठन के प्रदेश अध्यक्ष राधा रानी पांडे वादा किया गया था कि हमारी पार्टी सत्ता में आती है एक भाई का बहन से वादा है कि निश्चित रूप से उनके लिए क्रांतिकारी बदलाव हुए अब जो बदलाव हुए हैं सरकार में आप सबके सामने हैं इतना ही नहीं लगभग हमारे संगठन द्वारा तीन बार प्रदेश के मुखिया से तीन बार  वार्ता की गई हर बार यही आश्वासन निश्चित रूप से आंगनबाड़ियों अहित नहीं होने देंगे

इससे पहले सरकार भी कोई दूध की धुली सरकार ही नहीं रही बसपा सरकार रही हो या फिर सपा की सरकार दोनों ने ही हमें केवल वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल किया है और देने के नाम पर दुनिया है तो सिर्फ आश्वासन अब ऐसे में सवाल उठता है कि विश्वास करें तो किस पर करें इस सब के लिए हम सभी बहनों को एकजुट होकर ठोस निर्णय लेने की आवश्यकता है यह उन बहनों के लिए भी एक सबक है जब जब हमने वोट की बात की जो घर बैठे व्हाट्सएप फेसबुक या सोशल मीडिया पर चाहिए कमेंट करने के अलावा कुछ नहीं करती क्योंकि आज की सरकारों को केवल वोट की भाषा समझ में आती है लेकिन सबसे बड़ी समस्या यह है कि विश्वास करें तो किस पर क्योंकि सभी एक ही थाली के चट्टे बट्टे हैं


राजनीतिक पार्टी आपको अवगत कराना चाहूंगी कि 2006 में स्वामी प्रसाद मौर्य तत्कालीन बसपा के कद्दावर नेता हुआ करते थे उसको आंगनवाड़ी द्वारा लखनऊ में बुलाया था सोने का मुकुट व चांदी की तलवार भेंट की गई और उम्मीद जगी कि जब सरकार बनेगी तो आंगनबाड़ियों का हित होगा और सरकार बनी भी लेकिन आंगनबाड़ियों को मिली  भी तो सिर्फ मायूसी यही हाल अखिलेश के वक्त हुआ चुनाव से पहले कुछ और कौन थी और चुनाव के बाद जो हाल रहा हू आप सभी ने दी अब यही हाल बीजेपी का आप सभी बहनों से अनुरोध कि चुनाव सर पर हैं एकजुट होकर ठोस निर्णय लेते हुए सरकार को वोट की भाषा में ही सबक सिखाने की जरूरत है।

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