Thursday, September 3, 2020

साथियो जैसे कि आप को पता है , देश में लाखों संगठन समाज में कार्य कर रहे हैं ,


मगर किसी का ध्यान हमारे उन शहीद वीर क्रांतिकारियों की ओर नहीं जाता जो आज से लगभग बीते सात दशक पहले देश को  अंग्रेजों की  बहसी दमन गुलामी से  अपनी  जान की बाजी लगा कर देश को गुलामी से मुक्त कर गए , ऐसे महान बलिदानियों को आज तक देश की सरकारों ने शहीद का दर्जा नहीं दिया चाहे वह पूर्व की सरकारें रही हो या वर्तमान लगभग क्रांतिकारियों के प्रति सभी की एक जैसी मानसिकता रही है यही कारण है आज देश   में दिल्ली विश्वविद्यालय में पढ़ाई  जा रही किताबों मै  

क्रांतिकारी देश भक्त अपनी जनता के प्रति असीम स्नेह रखने वाले भारत माता के सच्चे वीर सपूत सरदार भगत सिंघ जी  को , इंडियाज स्ट्रगल फॉर इंडीपेंडेंस, के 20 वें अध्याय  में क्रांतिकारी आतंकवादी लिखे जाने से जुड़ा था , सिर्फ सरदार भगत सिंघ जी को ही नहीं क्रांतिकारी सर्यासैन जी  , और चंद्रशेखर आजाद जी को भी लिखा जा रहा है  इस बात का विरोध लोक सभा में सांसद अनुराग ठाकुर ने किया था मगर चंद दिनों में यह मामला दबा दिया गया ,अगर यह मामला राजनीत से प्रेरित होता तो इसको खूब उछाला जाता , मेरा अनुरोध देश में निवास करने वाले हर सज्जन व्यक्ति से है  जो इन महान क्रांतिकारी वीरों की कुर्बानी का कर्ज दार है , आप जहां स्वार्थ की राजनीत ,नफ़रत के लिए तो देश में हड़तालें और चक्का जाम कर देते हो , जहां शहीदों ,क्रांतिकारियों की बात आती है तो , जुवान पर ताले लग जाते हैं ,अगर आपके अंदर का जमीर जिंदा है तो  आओ हम अपने वीरों के बलिदान का कर्ज अदा तो नहीं कर सकते ,।  हां इतना जरूर कर सकते है उनको सम्मान दिलाकर ,कर्ज की  कुछ मुस्त किस्त, जरूर अदा कर सकते हैं  यह क्रांतिकारी संगठन  आप और हम राष्ट्रीय भ्रष्टाचार अपराध मुक्ति संगठन , देश वासियों से शहीदों के सम्मान में उम्मीद लेकर , विगत निरंतर 5 वर्सों से भारत सरकार से मांग करता अा रहा है  जिन क्रांतिकारियों अंग्रेजो ने फांसी दी और उनकी गोलियों से शहीद हुए उनको भारत रत्न और शहीद का दर्जा, और  जिन्होंने सजाएं काटी उनको शहीद का दर्जा दिया जाए और इनकी जीवनी को पाठयक्रम में लाया जाए 

सभी प्यारे देश वासियों को हमारा जय हिन्द आपका अपना  

बेटा ,भाई , मित्र साथी

बी एस बेदी

क्रांतिकारी संगठन आप और हम राष्ट्रीय भ्रष्टाचार अपराध मुक्ति संगठन 

 इन्कलाब जिंदाबाद क्रांतिकारी अमर रहें

No comments:

Post a Comment