Monday, September 28, 2020

ऑन लाइन ,ऑफ लाइन प्रशिक्षण कार्यक्रमों की श्रृंखला में सोमवार को केंद्र पर "पोषण वाटिका से पोषण थाली तक" विषय पर 40 आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों के दूसरे बैच के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया।


पोषण माह 2020 के अवसर पर कृषि विज्ञान केंद्र अनौगी द्वारा आंगनवाडी कार्यकत्रियों व ग्रामीण महिलाओं में पोषण जागरूकता के लिए आयोजित ऑन लाइन ,ऑफ लाइन प्रशिक्षण कार्यक्रमों की श्रृंखला में सोमवार को केंद्र पर "पोषण वाटिका से पोषण थाली तक" विषय पर 40 आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों के दूसरे बैच के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में केंद्र की महिला वैज्ञानिक डॉ पूनम

सिंह ने कुपोषण के प्रमुख लक्षणों व कारणों पर चर्चा करते हुए पोषण वाटिका द्वारा उसके निदान पर बल दिया। डॉ सिंह द्वारा स्लाइड के माध्यम से पोषण वाटिका की रूपरेखा व प्रबंधन की तकनीक पर विस्तृत जानकारी दी गयी। कार्यक्रम में 6 माह से ऊपर के शिशुओं के लिए मोठे अनाजो का प्रयोग कर पौष्टिक गुणों से युक्त पूरक आहार बनाने की विधि का प्रदर्शम भी किया गया। डॉ सिंह ने बताया कि अलसी व मूँगफली में

प्रोटीन व अन्य सूक्ष्म तत्व जैसे; आयरन,कैल्शियम,पोटैशियम व मैग्नीशियम प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं जो  गर्भवती महिलाओं के लिए अत्यंत लाभदायक है इसलिए गर्भवती व धात्री महिलाएं अलसी व मूँगफली के लड्डू से आवश्यक पोषक तत्वों की आपूर्ति कर सकती हैं। अलसी व मूँगफली से लड्डू बनाने की विधि का प्रदर्शन भी किया गया।

उद्यान वैज्ञानिक डॉ अमर सिंह ने फ्लो व सब्जियों के पोषक महत्व के बारे में विस्तृत चर्चा की।केंद्र के मौसम वैज्ञानिक अमरेंद्र यादव ने  गृह वाटिका की सब्जियों पर मौसम के अनुरूप रोग और कीट के प्रकोप पर प्रकाश डाला।आनगांवाड़ी कार्यकत्रियों को केंद्र पर लगाने के लिए सहजन के पौधों का वितरण भी किया गया।कार्यक्रमके आयोजन में केंद्र के अमित प्रताप सिंह व अनीता कटियार द्वार सहयोग किया गया।

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