कानपुर 01 मई। आज अंतराष्ट्रीय मजदूर दिवस के अवसर पर प्रदेश स्तर बाल सेवी संस्था एवं मुसीबत में फंसे बच्चों की मदद के लिए संचालित चाइल्डलाइन कानपुर नगर ने बाल श्रम विरोध में कार्यशाला का आयोजन चाइल्डलाइन कार्यालय बाबूपुरवा कालोनी किदवई नगर कानपुर में किया गया। जिसमें सामाजिक कार्यकर्ता, चाइल्डलाइन कार्यकर्ता, रेलवे चाइल्डलाइन के कार्यकर्ता आदि को सम्मिलित किया गया। जिसके साथ ही कार्यशाला के दौरान मौजूद लोगों को बाल मजदूर बच्चों के रेस्क्यू की तैयार की गई रिपोर्ट के अनुसार बताया गया कि *चाइल्डलाइन कानपुर द्वारा वर्ष 2021-22 में 175 बच्चों को रेस्कयू किया गया जिसके साथ ही रेलवे चाइल्डलाइन कानुपर सेन्ट्रल (चाइल्ड हेल्प डेस्क) के माध्यम से 22 बच्चो की ट्रैफिकिंग कर बाल श्रम के उददेश्य से ले जाए रहे बच्चों का रेस्क्यू कर नियोजकों के खिलाफ श्रम विभाग द्वारा बाल श्रभ्म अधिनियम के तहत कार्यवाही की गई व चाइल्डलाइन द्वारा बच्चों को उनके परिवार में पुर्नवासित किया गया। चाइल्डलाइन कानपुर के निदेशक कमल कान्त तिवारी ने बताया कि श्रम दिवस पर लोगों में बाल मजदूरी न कराने की जागरूकता हेतु इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया है।
साथ ही उन्होने मौजूद लोगों को बताया कि वे जनसामान्य से अपील करे कि वह बाल मजदूरी को खत्म करके अपने बच्चों को शिक्षा से जोडे। शिक्षा का अधिकार कानून के तहत बच्चों को निशुल्क शिक्षा का प्रावधान है, इसलिए अपने बच्चों को काम पर न भेजे। साथ ही उन्होने बताया कि बाल श्रम निषेध अधिनियम, भारतीय दण्ड संहिता एवं किशोर न्याय अधिनियम 2015 की धारा 79 के अनुसार 18 वर्ष तक के बच्चों से बाल मजदूरी कराने को कानूनी रूप से प्रतिबंधित करते हुये नियोजकों के खिलाफ 05 वर्ष तक का कठिन कारावास एवं 01 लाख रूपये प्रति नियोजित बालक के जुर्माने का प्रावधान हैं। कार्यक्रम के दौरान उन्होने जनसामान्य से अपील की कि अगर उन्हे कोई भी बाल श्रमिक किसी ढाबे,होटल, रेस्टोरेन्ट या किसी अन्य बाल श्रम के कार्यमें लिप्त हो तो *चाइल्डलाइन के निशुल्क न0 1098 पर काल करके बाल श्रमिक बच्चों के पुर्नवासन में सहयोग कर सकते है ।
चाइल्डलाइन कानपुर के निदेशक कमलकान्त तिवारी ने बताया कि बाल मजदूरी का शैतान धीरे - धीरे हमारे समाज की नींव को खोखला कर रहा है और इसे रोकने के लिये हम सभी को संयुक्त प्रयास करना है। जिससे हम बाल शोषण को पूरी तरह से इस समाज से उखाड़ फेंक सके। साथ ही उन्होने कार्यशाला में मौजूद लोगों से अपील की कि वह अपने आस-पास समाज में संदेश दें कि वह बाल मजदूरी को खत्म करके अपने बच्चों को शिक्षा से जोडे। शिक्षा का अधिकार कानून के तहत बच्चों को निशुल्क शिक्षा का प्रावधान है, इसलिए अपने बच्चों को काम पर न भेजे। इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से चाइल्डलाइन कानपुर के निदेशक कमलकान्त तिवारी, समन्वयक प्रतीक धवन , अंजु वर्मा, सुचि अवस्थी, अमन पाण्डेय, ग्यानेन्द्र पाण्डेय शिवानी सोनवानी, रेलवे चाइल्डलाइन के समन्वयक गौरव सचान, स्वयंसेवक लाखन सिंह ने अपनी सहभागिता निभाई।
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